राजनांदगांव

डीएमएफ फंड घोटाला : कमीशन से मिली राशि को बाजार में निवेश की भी जांच
30-Oct-2025 8:18 PM
डीएमएफ फंड घोटाला : कमीशन से मिली राशि को बाजार में निवेश की भी जांच

सुबह से शाम तक आधा दर्जन व्यापारियों के ठिकानों में जांच कर  ईओडब्ल्यू-एसीबी लौटी

'छत्तीसगढ़' संवाददाता

राजनांदगांव, 30 अक्टूबर। डीएमएफ फंड के जरिये भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा की टीमें शहर के आधा दर्जन व्यापारियों के घर और ठिकानों में जांच करने के बाद देर शाम को वापस लौट गई।  सुबह से शाम तक करीबन 11-12 घंटे अफसरों की टीम ने घोटाले से जुड़े तार की असल वजह से खंगाला। बताया जा रहा है कि टीम को कई अहम दस्तावेज मिले हैं। यानी आगे घोटाले की जांच जिले में और तेज हो सकती है। घोटाले के पीछे स्थानीय कुछ व्यापारियों ने भी हाथ साफ किया था। ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीमों ने पुख्ता सूचना के आधार पर जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि सभी कारोबारियों ने डीएमएफ फंड की राशि से करोड़ों रुपए की सप्लाई की थी। जिसमें गुणवत्ताविहीन सामनों और कमीशनखोरी की शिकायत की दोनों टीमें जांच कर रही है।

सबसे पहले कारोबारी ललित भंसाली, राधाकृष्णन फर्म के संतोष अग्रवाल और यश नाहटा के घर में टीम ने दबिश दी। अफसरों ने इनके घरों और आफिस में दोपहर तक जांच की। इसके बाद टीम के कुछ सदस्यों ने राठी फर्नीचर और एसके फर्नीचर के घर भी जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि शाम तक टीम ने घोटाले के तहत तक जाने के लिए हर दस्तावेज और उनके पृष्ठभूमि की जांच की। ललित भंसाली को तत्कालिन कलेक्टर का काफी करीबी माना जाता था।  बताया जा रहा है कि कुछ व्यापारियों ने तत्कालिन कलेक्टर के रुपयों को भी बाजार में निवेश किया है।  उक्त रकम डीएमएफ फंड से मिली कमीशन माना जा रहा है। एसीबी की टीम ने कारोबारियों के आर्थिक स्थिति को भी जांच के दायरे में लिया है। पिछली सरकार में की गई जमीन खरीदी और निवेश को लेकर भी जांच पड़ताल की है। जांच एजेंसियां कई तरह की तथ्यों को जुटाने में एडी-चोटी का जोर लगा रही है।  सप्लाई के एवज में बांटी गई राशि का कड़ी जोडऩे के लिए अफसरों ने पूरा जोर लगाया है। बताया जा रहा है कि पुख्ता साक्ष्य जुटाने के बाद टीमें लौट गई। आने वाले दिनों में इस छापे के आधार पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है।


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