राजनांदगांव

उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद खत्म हुआ छठ पर्व
28-Oct-2025 4:11 PM
उगते सूर्य को अघ्र्य देने के बाद खत्म हुआ छठ पर्व

पौ-फटते ही तालाबों में पहुंचे सैकड़ों व्रतधारी

छत्तीसगढ़ संवाददाता

राजनांदगांव, 28 अक्टूबर। सूर्य उपासना का पर्व  सुबह सूर्य को अघ्र्र्य देने के साथ ही समाप्त हो गया।  उगते सूर्य को अघ्र्य देने के लिए व्रतधारी महिलाओं ने स्थानीय तालाबों में आधा पानी में डूबकर जल अर्पित किया।

36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर संतान और परिवार की सुख-शांति की कामना को लेकर पूजा-अर्चना की। आज सुबह तालाबों के घाटों में उत्तर भारतीय बाशिंदों का परिवार समेत मजमा लगा रहा। भक्तिमय वातावरण के बीच गीत-संगीत की सुमधुर आवाज गूंजती रही। इस अवसर पर तालाबों में जमकर पटाखे फोडक़र आतिशबाजी की गई। चार दिन के इस महापर्व को लेकर व्यापक उत्साह नजर आया।

चार दिनी छठ पर्व के अंतिम दिन मंगलवार अलसुबह व्रतधारी महिलाएं स्थानीय नदी और सरोवरों में पहुंचकर भगवान सूर्यदेव को अघ्र्य देकर पूजा-अर्चना की। मंगलवार सुबह बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरूष तालाबों में पहुंचकर सूर्य को अघ्र्य देकर पूजा-अर्चना की। शहर में छठ पर्व पर श्रद्धाभक्ति का माहौल निर्मित है। आज मंगलवार को लोगों ने उगते सूर्य को अघ्र्य देकर पूजा-अर्चना की। इस दौरान स्थानीय तालाबों व सरोवरों में लोगों की भीड़ उमड़ी रही।

 

इस दौरान विधि-विधान से पूजा-अर्चना के पश्चात प्रसादी का भी वितरण किया गया। छठ पर्व को लेकर उत्साह और श्रद्धाभक्ति का माहौल बना हुआ है। संतान के उज्जवल भविष्य व खुशहाली के लिए मनाए जाने वाले छठ पर्व को लेकर लोगों में उत्साह का माहौल है। ज्ञात हो कि बीते 25 अक्टूबर को नहाय-खाय  के साथ चार दिनी छठ पर्व का आगाज हुआ। 26 अक्टूबर  का खरना व 27 को डूबते सूर्य को अघ्र्य दिया गया। वहीं आज 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अघ्र्य दिया गया।  पर्व को लेकर लोगों ने व्यापक तैयारियां की थी। वहीं नगर निगम द्वारा शहर के श्रीगणेश मंदिर मोती तालाब में साफ-सफाई सहित अन्य व्यवस्था तथा मंदिर समिति द्वारा भी पर्व के लिए व्यापक तैयारियां की थी।

उत्तर प्रदेश एवं बिहार के मूल बाशिंदों का यह महत्वपूर्ण त्यौहार होता है। लिहाजा शहर के मोती तालाब में इस पर्व को मनाने के लिए घाट को पूरी तरह से सजाया गया था। इसके अलावा चिखली तालाब में भी पूजा-अर्चना की गई। संतानों की लंबी आयु के लिए छठ पर्व का खास महत्व होता है। शहर में निवासरत उत्तरप्रदेश और बिहार राज्य के लोग हर साल पूरे धूमधाम से इस पर्व को मनाते हैं।


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