राजनांदगांव

सूर्य उपासना छठ पर्व का आज से आगाज
25-Oct-2025 4:08 PM
सूर्य उपासना छठ पर्व का आज से आगाज

चार दिनी छठ पर्व की बिखरी छटा, 28 को उगते सूर्य को अघ्र्य देकर पर्व का समापन

‘छत्तीसगढ़’  संवाददाता

राजनांदगांव, 25 अक्टूबर। सूर्य के उपासना का पर्व छठ का आज से आगाज हो गया। चार दिनी इस पर्व की शहर में छठा बिखर गई है। आज से नहाय-खाय की परंपरा के साथ छठ पर्व की शुरूआत होगी।

उत्तर भारतीयों के लिए यह पर्व काफी मायने रखता है। शहर में भी बड़ी संख्या में उत्तर भारत के बाशिंदे निवासरत है। शहर के चिखली, ममता नगर समेत कुछ इलाकों में उत्तर भारतीयों की बाहुल्यता है। लिहाजा छठ पर्व की भी शहर में धूम रहती है। इधर शहर के मोती और चिखली तालाब में साफ-सफाई का कार्य पूरा हो चुका है। बताया जा रहा है कि डूबते और उगते सूर्य को अघ्र्य देने की परंपरा है। तालाब में उतरकर माता छठी को अघ्र्य देने का रिवाज है।

एक जानकारी के मुताबिक शहर में बड़ी तादाद में महिलाएं व्रत रखकर अघ्र्य देंगी। आज से पर्व की शुरूआत हो चुकी है। 27 अक्टूबर की शाम और 28 अक्टूबर की सुबह सूर्य को अघ्र्य देकर महिलाएं अपना व्रत पूरा करेंगी। चार दिन तक चलने वाले इस पर्व में अलग-अलग दिनों में धार्मिक रिवाज के साथ पूजा-अर्चना होगी।

 

25 अक्टूबर की शाम को नहाय-खाय की परंपरा के साथ घर में बने शुद्ध शाकाहारी भोजन महिलाएं ग्रहण करेंगी। भोजन के बाद अन्य सदस्य भोजन करते हैं। कल रविवार 26 अक्टूबर को खरना की रस्म अदायगी होगी। जिसमें व्रती महिलाएं दूध और गन्ने की रस से बने खीर को भोजन के रूप में ग्रहण करती है। इस बीच 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अघ्र्य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा। परिवार के लोग तालाब के घाटों में पहुंचकर पारंपरिक रूप से पूजा-अर्चना करते हैं। व्रती महिलाएं परिवार के साथ पूजा-अर्चना कर घर लौटती है। इसके बाद सभी सामूहिक रूप से भोजन कर उपवास तोड़ते हैं।

उधर शहर के तालाबों के घाट को साफ-सफाई और व्यवस्थित किया गया है। महापौर मधुसूदन यादव ने बीते दिनों सफाई व्यवस्था का जायजा लिया था। उत्तर भारतीयों के इस त्यौहार के चलते बाजार में भी हलचल है। छठ पर्व मनाने के लिए शहर से बाहर रहने वाले लोग वापस लौट रहे हैं। छठ पर्व के चलते तालाब के घाट में महिलाएं पूजा-अर्चना के लिए तैयारी कर रही है। इसके अलावा  घाट की साफ-सफाई और अन्य व्यवस्था को लेकर समाज के लोग जुटे हुए हैं।  पर्व के चलते उत्तर भारतीय क्षेत्र के लोगों की भीड़ की वजह से तालाब के घाट व पार में मेला सा माहौल रहेगा। इधर चार दिनों तक तालाब में मेला सा माहौल बना रहेगा।


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