राजनांदगांव
कुछ दावेदार बढ़ती उम्र के फेर में हुए पीछे, युवा नेता उम्मीद से
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 9 अक्टूबर। सांगठनिक चुनाव में आगे बढ़ रही कांग्रेस ग्रामीण और शहर अध्यक्ष के लिए मजबूत दावेदारों को लेकर किसी भी तरह का समझौता करने के पक्ष में नहीं है। पार्टी के पर्यवेक्षक चरण सिंह सपरा ने पिछले 4 दिनों के भीतर दोनों पद के लिए दावा कर रहे उपयुक्त चेहरों को लेकर अलग-अलग स्तर पर जानकारी बटोरी है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस नए चेहरों को आगे लाने शत-प्रतिशत फार्मूला लागू करने पर जोर दे रही है। ऐसे में पार्टी पदाधिकारियों के द्वारा अध्यक्ष बनने की जोर आजमाईश के बीच वैकल्पिक रूप से कांग्रेस मौजूदा विधायकों और पूर्व विधायकों को भी कमान सौंप सकती है।
मिली जानकारी के मुताबिक पर्यवेक्षक सपरा ने वर्तमान और पूर्व विधायकों के संबंध में भी कई कार्यकर्ताओं से सीधी बातचीत की है। उन्होंने खुज्जी के मौजूदा और पूर्व विधायक भोलाराम साहू व छन्नी साहू के संबंध में भी कार्यकर्ताओं का मन टटोला है।
डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू के राजनीतिक पृष्ठभूमि और कार्यशैली से जुड़े पर्यवेक्षक ने कार्यकर्ताओं से राय सुनी है। जातिगत समीकरण के चलते भी कांग्रेस साहू समाज से किसी को अध्यक्ष की कुर्सी सौंप सकती है। इसके अलावा दलित वर्ग से भी पार्टी किसी को आगे बढऩे के लिए मौका दे सकती है। उधर कई दावेदार बढ़ती उम्र के पेंच में अपना दावा कमजोर कर बैठे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस 50 वर्ष से अधिक उम्र के दावेदारों को किनारे कर सकती है। पार्टी में ऊर्जावान नेतृत्व को उभारने के लिए कई तरह की कोशिशें चल रही है।
बताया जा रहा है कि कुछ कार्यकर्ताओं ने विशुद्ध रूप से कांग्रेस पदाधिकारियों को ही अध्यक्ष बनाने का पर्यवेक्षक से आग्रह किया है। यानी ऐसे दावेदार जिन्होंने कभी कांग्रेस से किनारा कर लिया था, उनका दावा कमजोर हो सकता है। कांग्रेस के दावेदार अपने घोर विरोधियों का जमकर विरोध भी कर रहे हैं। पर्यवेक्षक सपरा पार्टी आलाकमान के बताए निर्देश के तहत ही कार्यकर्ताओं से मेल-मुलाकात कर रहे हैं।
6 अक्टूबर से आज पर्यन्त सपरा ने राजनांदगांव, मोहला-मानपुर, डोंगरगांव, खैरागढ़ और छुईखदान का धुंआधार दौरा किया। वह जिला और शहर अध्यक्ष के अलावा ब्लॉक अध्यक्षों के संबंध में भी रायमशविरा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सपरा नियमों के तहत ही अब तक कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। राजनीतिक रूप से कार्यकर्ताओं में कड़े नियमों के कारण नए नेतृत्व के उभरने की उम्मीद से जोश पैदा हो गया है।
सपरा को हटाने की भ्रामक खबर हुई वायरल
सांगठनिक चुनाव के लिए बतौर पर्यवेक्षक धुंआधार दौरा करने के बीच चरण सिंह सपरा को एआईसीसी द्वारा हटाए जाने की चर्चा कल देर रात तक सरगर्म रही। हालांकि यह खबर पूरी तरह से भ्रामक साबित हुई। सोशल मीडिया में उनको फौरन दौरा छोडक़र वापस लौटने के निर्देश की खबर तेजी से वायरल हुई। बताया जा रहा है कि कई दावेदार उनके अचानक हटाए जाने की खबर से हतप्रभ थे। कुछ दावेदारों को सपरा के द्वारा ली जा रही जानकारी के तहत अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज होने का भरोसा था। पर्यवेक्षक को हटाने के संबंध में कांग्रेस के भीतर खबर की पुष्टि करने के लिए आला नेताओं ने दिल्ली से लेकर राजधानी तक फोन खनखनाया। आखिरकार सपरा को हटाने की खबर झूठी साबित हुई।


