राजनांदगांव

म्युनिस्पल स्कूल परिसर में बने अवैध दुकानों की नीलामी तत्काल निरस्त करें : कुलबीर
08-Oct-2025 6:07 PM
म्युनिस्पल स्कूल परिसर में बने अवैध दुकानों  की नीलामी तत्काल निरस्त करें : कुलबीर

'छत्तीसगढ़Ó संवाददाता
राजनांदगांव, 8 अक्टूबर।
म्युनिसिपल स्कूल आत्मानंद स्कूल के पूर्व गांधी सभागृह पर नगर निगम द्वारा बनाए गए नियम विरूद्ध अवैध दुकानों की नीलामी को लेकर पूर्व पार्षद कुलबीर सिंह छाबड़ा ने निगम आयुक्त को लिखित ज्ञापन सौंपकर तत्काल नीलामी को निरस्त करने की मांग कर स्कूल को सौंपने की कार्रवाई करने की मांग की है। इससे पूर्व राजपत्रित आदेश का हवाला देते निगम को दुकानों की नीलामी के संबंध में लिखित पत्र देकर जानकारी दी गई थी। नगर निगम अवैध नीलामी करके नागरिकों को परेशानी डालने जा रहा है। नीलामी में जो भी दुकान खरीदता है उसको कानूनी अड़चन के कारण उनको भी कोर्ट का सामना करना पड़ सकता है। लिखित में सौंपे ज्ञापन में श्री छाबड़ा ने बताया कि  पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग सचिव विवेक ढांड द्वारा राजपत्रित आदेश के आदेशानुसार शैक्षणिक संस्थाओं के परिसर एवं उसके आसपास किसी भी दशा में दुकानों की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब नगर निगम की अधिनस्त व्यवसायिक परिसर की भूमि नहीं है तो निगम द्वारा बनाए गए व्यवसायिक परिसर नियम विरूद्ध एवं पूर्णत अवैध निर्माण व नगर निगम द्वारा निर्माण कार्य में व्यय की गई राशि आर्थिक अनियमिता है। वर्तमान में संचालित आत्मानंद स्कूल के पूर्व गांधी सभागृह स्कूल परिसर की संपूर्ण जगह शिक्षा विभाग को हस्तांतरण होना, जहां तक बचा है, अब स्कूल परिसर की भूमि पर नगर निगम का अधिकार नहीं है।


जबकि स्कूल में कमरे और जगह की कमी के कारण लैब की जगह छोटी पड़ती है और निगम द्वारा कराए अवैध निर्माण स्कूल के लैब से जुड़े हुए हैं। यह निर्माण स्कूल में समायोजित होने से विद्यार्थियों के लिए हो रही कमी को पूरा किया जा सकता है। वर्तमान में यहां पर लगभग 1310 विद्यार्थी अध्यापन कर रहे हैं। यह निर्मित कमरे स्कूल को आबंटित किया जा सकता है। म्युनिस्पल स्कूल वर्तमान में चल रहे आत्मानंद स्कूल के पूर्व गांधी सभागृह स्कूल परिसर राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा हुआ है, जो कि डेंजर जोन में आता है, जहां पर आए दिन दुर्घटना होना सामान्य सी बात है। ऐसी जगह पर व्यवसायिक परिसर पूर्णता गलत है।
श्री छाबड़ा ने निगम आयुक्त को दिए पत्र में कहा कि इस अवैध निर्माण का विरोध मेरे पार्षद कार्यकाल में रहते किया जा रहा है। राजपत्रित आदेश के नियम का पालन करते मेरे द्वारा दिए इस पत्र के तीन दिनों के भीतर दुकानों की नीलामी निरस्त करें और विद्यार्थियों के पठन में हो रही कठिनाई और जनहित का पालन करें। नहीं तो उक्त नियम विरूद्ध हुए कार्य के लिए बच्चों के भविष्य को देखते माननीय उच्च न्यायालय के शरण में न्याय के लिए जाना पड़ेगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रशासन की होगी।


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