राजनांदगांव

गौ रक्षक बताने वाले भाजपा राज में गौ तस्करी बढ़ी - कुलबीर
03-Oct-2025 6:09 PM
गौ रक्षक बताने वाले भाजपा राज में गौ तस्करी बढ़ी - कुलबीर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 3 अक्टूबर। भाजपा सरकार राज में गायों की तस्करी बेधडक़ चल रही है, गौमाता भूख व दुर्घटना से मर रही है।

भाजपा की सरकार बनने के बाद बिना किसी प्रकार की वैकल्पिक व्यवस्था किए कांग्रेस सरकार द्वारा चलाई जा रही गौठान योजना और गोबर खरीदी योजना को बंद कर दिया गया। जिसके कारण पिछले पौने दो साल में गौमाता चारे-पानी के अभाव में भूख तथा खुले में घूमने के कारण सडक़ों पर दुर्घटना से बड़ी संख्या में लगातार मौत हो रही है। विभिन्न समाचार माध्यमों में जो खबरें आई है उसके अनुसार पौने दो वर्ष में 850 से अधिक गाय सडक़ों पर कुचलकर मर गई। लगभग 1200 से अधिक गाय भूख से चारे पानी के अभाव में मर गई। 200 से अधिक गाय जहरीला पदार्थ आदि खाने में मर गई। उक्त विषय को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देशानुसार शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने प्रेसवार्ता लेकर कही।

श्री छाबड़ा ने बताया कि भाजपाराज में गौठान बंद होने के कारण आवारा घूम रहे गोवंश जब एक समस्या के रूप में सामने आई तो सरकार ने अघोषित रूप से एक बेहद ही क्रूर निर्णय लिया और गोवंश की तस्करी को बढ़ावा देना शुरू कर दिया। 2023 में लगभग 14 लाख गोवंश का राज्य में कांग्रेस सरकार के समय 10800 गौठानों में व्यवस्थापन होता था, उनके चारे- पानी की व्यवस्था होती थी।  गायों की मौत के मामले में कांग्रेस ने अभी तक 6 कमेटियां बनाई है, उनकी रिपोर्ट और हमने जो अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से गांव वालों से चर्चा कर जानकारी एकत्रित की, वह बहुत ही चौकाने वाली और दुखद है। दो साल में गांवों और शहरों में पशुओं की संख्या 40 फीसदी तक घट गई है। अर्थात राज्य से पिछले दो सालों में लगभग 5 लाख से अधिक गोवंश गायब हो गए है। दुर्घटना से मरने वाली भूख से मरने वाली कुल गायों की संख्या तो लगभग 2 हजार से ढाई हजार तक है। फिर ये लगभग पांच लाख गाय कहां गई। सीधा मतलब है उनकी तस्करी कर यूपीए महाराष्ट्र के स्लाटर हाउस पहुंचा दी गई। प्रेसवार्ता में वरिष्ठ कांग्रेसी कुतबुद्दीन सोलंकी, रमेश डाकलिया, पंकज बांधव, निखिल द्विवेदी, अभिमन्यु मिश्रा, मोहम्मद यहया, अमित चंद्रवंशी, आसिफल अली,  सूर्यकांत जैन, तौसिफ  गोरी, शौर्य वैष्णव मौजूद थे।


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