राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 17 सितंबर। हिंदी व छत्तीसगढ़ी के सुमधुर कवि एवं सुप्रसिद्ध मंच संचालक धमतरी निवासी सुरजीत नवदीप (छाबड़ा) के आकस्मिक निधन पर गहरा दु:ख व्यक्त करते संस्कारधानी के कवि व साहित्यकारों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिग्विजय महाविद्यालय में हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यंग्यकार गिरीश पंकज ने सुरजीत नवदीप के निधन को साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि राजनांदगांव के उद्भट मंच संचालन नंदूलाल चोटिया की तरह कवि सम्मेलन मंच का संचालन करने वाले नवदीप हर कवि साहित्यकारों के दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे। डॉ. शंकर मुनि राय ने कहा कि एक सरदार होकर भी छत्तीसगढ़ी में उनकी बड़े प्यारे ढंग से लेखनी चलती थी। ऐसे प्यारे कवि का जाना उन्होंने बड़ा दु:खद बताया ।
प्रो. प्रवीण कुमार साहू ने कहा कि प्रदेश के छत्तीसगढ़ी के दो दैदीप्यमान नक्षत्र डॉ सुरेंद्र दुबे व सुरजीत नवदीप का जाना निश्चित ही बहुत बड़ी क्षति है। साहित्यकार आत्माराम कोशा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर शाफिया बादी, डॉ. आरएन सिंह, सुचित्रा गुप्ता, राकेश इंदूभूषण ठाकुर, डॉ. बीएन जागृति, डॉ. नीलम श्रीवास्तव , प्रो. गायत्री साहू, प्रो. विरेंद्र साहू , गिरीश ठक्कर, अमलेंदु हाजरा, पवन यादव, हेमलाल सहारे आदि शामिल थे।


