राजनांदगांव

जरा सी चूक विकसित भारत बनने में होगी बाधक - योगेश दत्त
07-Jul-2025 5:27 PM
जरा सी चूक विकसित भारत बनने में होगी बाधक - योगेश दत्त

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनंादगांव 7 जुलाई।
भारतीय जन संघ के संस्थापक एवं राष्ट्रवादी नेता डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती पर 6 जुलाई को जिला भाजपा कार्यालय में उत्तर एवं दक्षिण मंडल भाजपा द्वारा संगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष योगेशदत्त मिश्रा एवं जिला भाजपा अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत
शामिल थे।

संगोष्ठी में वक्ता के रूप में किसान नेता अशोक चौधरी, अशोकदित्य श्रीवास्तव, सुनील बाजपेई,  पूर्णिमा साहू, शिव वर्मा ने डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को स्मरण करते उनके राष्ट्र के प्रति समर्पण को विस्तार से कार्यकर्ताओं को अवगत कराया। मुख्य वक्ता श्रम कल्याण मंडल अध्यक्ष योगेश दत्त मिश्रा ने भारतीय जनसंघ की नीतियों और सिद्धांतों को विस्तार से बताते कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पं. दीनदयाल उपाध्याय, वीर सावरकर, डॉ आंबेडकर और देश के ऐसे कई लोगों ने मिलकर देशहित में एक विचारधारा का निर्माण किया। जिसके अनुसार देश के लिए मरने, मिटने हुए देशभक्ति के जज्बे को लेकर वे निकल पड़े।

उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री जैसे पद को त्याग कर डॉ. मुखर्जी ने विचारधारा के साथ समझौता नहीं किया और विपरीत परिस्थितियों का सामना करते कठोर यातनाएं भी सही, परंतु देश के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि भारत विभाजन के समय पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री डॉ. शुभ्रावर्दी थे, जो बाद में पाकिस्तान के पहले राष्ट्रपति भी बने, कांग्रेस के लोगों के साथ उन्होंने षड्यंत्र कर बंगाल को पाक मिलने की साजिश रची, परंतु डॉ. मुखर्जी ने इसका पुरजोर विरोध किया और बंगाल को पाकिस्तान जाने से रोका।
आज भारत विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है, अगर भारत विकास के सोपानों को पार करेगा तो भारत के सारे नागरिकों को विकसित भारत का लाभ मिलेगा।
भाजपा जिला अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत ने कहा कि डॉ. मुखर्जी सच्चे अर्थों में मानवता के उपासक और सिद्धांतवादी थे। उन्होंने हिंदू महासभा में कई लोगों को शामिल कराया और सभी को राष्ट्रवादी विचारों से जोड़े रखा। उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग की राजनीति से बंगाल का वातावरण दूषित हो रहा था, वहां साम्प्रदायिक विभाजन की नौबत आ रही थी। साम्प्रदायिक लोगों को ब्रिटिश सरकार प्रोत्साहित कर रही थी। ऐसी विषम परिस्थितियों में उन्होंने यह बीड़ा उठाया और बंगाल की हिंदुओं की अपेक्षा ना हो अपनी विशिष्ट रणनीति से उन्होंने बंगाल की विभाजन के मुस्लिम लीग के प्रयासों को पूरी तरह से नकार दिया। श्री राजपूत ने कहा कि मुखर्जी की इस धारणा के प्रबल समर्थक थे कि सांस्कृतिक दृष्टि से हम सब एक हैं, इसलिए वे धर्म के आधार पर विभाजन के कट्टर विरोधी थे। मुखर्जी ने एक देश में दो संविधान दो प्रधान और दो निशान नहीं चलेंगे।  
 

 

कार्यक्रम का संचालन रामकुमार गुप्ता और आभार प्रदर्शन मंडल अध्यक्ष सुमित भाटिया एवं प्रशांत गोलू गुप्ता ने किया।
428 कार्यक्रम पखवाड़ा में आयोजित किए गए - किशुन
 कार्यक्रम के संयोजक किशुन यदु ने बताया कि 23 जून डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस से 6 जुलाई उनके जन्मदिन तक चले पखवाड़े में उनके नेतृत्व में सभी 16 मंडलों में 428 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। उन्होंने बताया कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस को बूथ स्तर पर आयोजित किया गया। जिसमें हजारों कार्यकर्ता शामिल हुए और डॉ.  श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस को स्मरण कर उनके सपनों के भारत को बनाने का संकल्प लिया और आज उनकी जयंती को मंडल स्तर पर सभी 16 मंडलों में मनाया जा रहा है। उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय जिला भाजपा अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत को दिया।


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