राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 4 जून। कई कालोनाईजर द्वारा कालोनी में पूर्ण विकास किए बिना एवं बिना मूलभूत सुविधा बिजली, पानी, रोड, नाली बनाए एवं भूखंड क्रेता से किए गए अनुबंध के शर्तों को पूर्ण किए बिना कॉलोनी विकास पूर्णता प्राप्त कर लिया जाता है। जिससे कॉलोनीवासी को परेशानी होती है, जिसे ध्यान में रखकर महापौर मधुसूदन यादव ने निगम के तीनो कार्यपालन अभियंताओं को अपने-अपने प्रभारित वार्ड में निर्मित कॉलोनियों में बाहय एवं आंतरिक विकास कार्य तथा बिजली, पानी, रोड, नाली की सुविधा होने के पश्चात ही पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कॉलोनी में सम्पूर्ण विकास कार्य किए बिना कालोनी का हैंडओवर नहीं करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
महापौर ने तकनीकी अधिकारियों से कहा है कि अवैध कालोनी के मामले में किसी भी प्लाटिंग पर भवन अनुज्ञा जारी नहीं किया जाए, क्योंकि ऐसे प्रकरणों में भूखंड स्वामी/प्लांट क्रेताओं को मूलभूत सुविधा रोड, नाली, बिजली, पानी से वंचित रहना पड़ता है और उनका हितलाभ प्रभावित होता है। जिससे इन नागरिकों द्वारा मूलभूत सुविधाओं तथा विकास कार्य के लिए जिम्मेदार नगर निगम तथा शासन को ठहराया जाता है। जबकि भूखंडक्रेता/अवैध प्लाटिंगकर्ता विकास कार्य की जिम्मेदारियों से पूर्णत: मुक्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि बिना स्वीकृत अभिन्यास के भूखंडों का टुकड़ों में विक्रय करने के कारण भूखंड क्रेताओं के हित हेतु जमा होने वाले विभिन्न प्रभार्य शुल्क तथा विकास शुल्क जमा नहीं होने के कारण शासन तथा निकाय को वित्तीय हानि होती है।
महापौर श्री यादव ने कहा कि किसी भी अवैध प्लाटिंग का नियमितीकरण तब तक नहीं किया जाए, जब तक कॉलोनाईजर द्वारा कालोनी नियम के तहत प्लाटिंग क्षेत्र को पूर्णत: विकसित नहीं कर लेता है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार निगम सीमाक्षेत्र में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई किया जाता है, उसके बाद भी प्लाटिंग कर्ताओं द्वारा भूखंड को टुकडों में बेचा जाता है, उस पर कड़ी निगरानी रख अवैध प्लाटिंग पर रोक लगाने की दृष्टि से अधिनियम के तहत अंतिम कार्रवाई करते अवैध प्लाटिंग पर पूर्णत: रोक लगाई जाए।
महापौर यादव ने नागरिकों से भी अपील करते कहा है कि कहीं भी प्लाट खरीदने के पूर्व निगम में संपर्क कर वैध-अवैध प्लाटिंग की जानकारी ले लें। जानकारी उपरांत ही प्लाट खरीदी की कार्रवाई करें, ताकि परेशानी से बचा जा सके।