राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 3 जून। जिले के शासकीय शराब दुकानों में मनमानी करने का मामला लगातार सामने आ रहा है। जिले के शासकीय शराब दुकानों में नई नियुक्तियां करने और हटाए गए कर्मचारियों को दोबारा रखने का आदेश दरकिनार करने का मामला सुर्खियों में है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शासकीय शराब दुकानों में नई भर्तियों पर रोक के आदेश के बावजूद नए कर्मचारियों को रखे जाने का मामला सामने आया है। इस प्रकरण के केंद्र में आबकारी सहायक आयुक्त जीएस दर्दी और यहां प्लेसमेंट एजेंसी के कर्ताधर्ता हैं।
सूत्रों का कहना है कि शिकायत है कि यहां शासकीय शराब दुकानों में युवकों की भर्ती करवा दी गई है। जबकि पूर्व में काम से हटाए गए युवकों के आवेदन पर संज्ञान लेते श्रम पदाधिकारी ने नई भर्तियों पर रोक लगा दी थी, पहले उन्हें काम पर रखने कहा था। इस मामले से जुड़ा श्रम विभाग का एक पत्र सामने आया है। जिसमें उल्लेख है कि 21 मार्च और 28 अप्रैल को श्रम विभाग द्वारा आयोजित बैठक में प्लेसमेंट एजेंसी राजदीप इंटरप्राईजेस ने आश्वासन दिया कि नई मदिरा दुकानों में पूर्व में काम से हटाए गए चार युवकों को और फिर नए पदों पर 13 अन्य युवकों की भर्ती की जाएगी। इनकी नियुक्तियों तक नई भर्ती को प्रतिबंधित किया गया था।
सूत्रों का कहना है कि इन युवकों ने काम से हटाए जाने पर श्रम विभाग का रूख किया था। जिसके बाद यह आदेश जारी किया गया था। इस बीच यह युवक दोबारा श्रम विभाग पहुंचे और शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें नियुक्तियां देने के बजाय नए युवकों को काम पर रखा जा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद 6 मई को श्रम पदाधिकारी ने पुन: इस संंबंध में प्लेसमेंट एजेंसी को पत्र जारी कर 7 दिनों के भीतर प्रतिवेदन मांगा था। श्रम अधिकारी का कहना है कि शिकायत पहुंची है, आबकारी विभाग को दोबारा पत्र लिखा गया है।
सूत्रों का कहना है कि हटाए गए कामगारों की जगह नई भर्तियां किसके इशारे पर हो रही है, इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग के पास नए-पुराने नियुक्तियों की पूरी जानकारी होती है, ऐसे में सहायक आयुक्त की ओर भी उंगली उठ रही है। श्रम विभाग ने भी इन दिनों में अपने ही जारी आदेश पर क्या कार्रवाई की यह भी एक बड़ा विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि आबकारी कार्यालय में बैठे प्लेसमेंट एजेंसी के कुछ लोग अधिकारियों के हितैषी बने हुए हैं। कई मामले इनसे ही होकर अधिकारियों तक पहुंचते हैं। इनकी भूमिका भी सामने आ रही है।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा सहायक आयुक्त जीएस दर्दी पहले ही विवादों में घिरे हुए हैं। वे दो हजार करोड़ के हाईप्रोफाइल शराब घोटाले के मामले में ईओडब्ल्यूड के राडार पर है। इस पूरे मामले में 39 आरोपित है। जिनमें दर्दी का भी नाम शामिल है। उनके यहां ज्वाईन करते ही मदिरा दुकानों में ओवररेट पर शराब बिक्री का मामला सामने आया था। वहीं कोचियों से ऊपरी वसूली कर दुकानों से शराब उपलब्ध कराने की शिकायतें भी अब भी आ रही है। अब इस पर नई भर्ती का यह मामला भी नया विवाद खड़ा कर रहा है।