राजनांदगांव

नाकेबंदी में पुलिस ने चावल से भरा ट्रक पकड़ा
27-May-2025 4:05 PM
नाकेबंदी में पुलिस ने चावल से भरा ट्रक पकड़ा

 पीडीएस का अनाज होने का शक,  एसडीएम कर रहे जांच

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

राजनांदगांव, 27 मई। डोंगरगढ़ में नाकेबंदी के दौरान पुलिस ने एक अनाज से भरी ट्रक को संदिग्ध परिस्थितियों में पकड़ा है। पुलिस को शक है कि उक्त ट्रक का चावल सार्वजनिक वितरण प्रणाली का हो सकता है। इस अंदेशे के चलते डोंगरगढ़ एसडीओपी आशीष कुंजाम ने सीधे मामले को एसडीएम के हवाले कर दिया है। एसडीएम खाद्य विभाग के जरिये पड़ताल करा रहे हैं। इस मामले में डोंगरगढ़ के एक बड़े राईस मिलर्स का नाम सामने आ रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को डोंगरगढ़ चिचोला मुख्य मार्ग पर नेहरू नगर कॉलेज के सामने टाटा 407 वाहन में लोड 50 कट्टा चावल अवैध रूप से परिवहन करते पाया गया। उक्त गाड़ी का वाहन चालक केवल साहू मुरमुंदा निवासी था। पुलिस ने वाहन चालक से पूछताछ की तो पता चला कि वाहन करमदीप सिंह भाटिया वार्ड नं. 15 के नाम पर दर्ज है। गाड़ी में लोड़ 50 कट्टा चावल के बारे में वाहन चालक ने मुकेश अग्रवाल खंडूपारा का होना बताया।

 

नायब तहसीलदार ने उक्त चावल की जब्ती बनाकर गाड़ी में लोड़ 50 कट्टा चावल सहित गाड़ी को थाना प्रभारी गिरीश वर्मा के सुपुर्द कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि राजनांदगांव से चावल की सैंपलिंग के लिए स्पेशल टीम बुलाई जा रही है। राशन के चावल का अवैध रूप से विक्रय करने वालों पर ठोस कार्रवाई करने की तैयारी है। जनसामान्य से शासन ने अपील भी की है कि राशन के अनाज का अवैध रूप से परिवहन करने वालों की सूचना दें, कार्रवाई निश्चित रूप से होगी।

सूत्रों का कहना है कि राशन के चावल की कालाबाजारी का खेल जिलेभर में चल रहा है। मोहला-मानपुर जिले के बांधाबाजार में विगत दिनों 300 क्विंटल चावल एक गोदाम में पकड़ाया था, लेकिन कार्रवाई किए जाने के बजाय मामले को रफादफा कर दिया गया। वहीं राजनांदगांव जिले में भी राशन के चावल की कालाबाजारी का खेल चलने की सूचना है। गरीबों को मिलने वाला राशन का चावल कोचियों के माध्यम से राईस मीलों में पहुंच रहा है। ज्ञात हो कि लगभग सप्ताहभर पूर्व लखोली रोड में वाहनों की जांच के दौरान कोतवाली पुलिस ने एक वाहन से संदिग्ध चावल की जब्ती की थी। हालांकि अब तक खाद्य विभाग के अधिकारियों से इस चावल की जांच कराई गई तो उन्होंने इसे राशन का चावल नहीं, बल्कि खंडा बताा था।


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