राजनांदगांव

नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े 37 लाख की ठगी, 2 बंदी
01-May-2025 4:09 PM
नौकरी लगाने के नाम पर साढ़े 37 लाख की ठगी, 2 बंदी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 1 मई।
नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले 2 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर कार्रवाई की। आरोपियों ने 5 लोगों से 37 लाख 67 हजार 900 रुपए की धोखाधड़ी की थी। आरोपियों को गिरफ्तार कर ज्युडिशियल रिमांड पर भेजा गया। वहीं एक आरोपी का पूर्व में भी बीजापुर के भैरमगढ़ थाना में ठगी का मामला दर्ज है। आरोपी जमानत पर था। 

मिली जानकारी के अनुसार 27 अप्रैल को प्रार्थी संतोष कुमार देवांगन द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया कि वह 2022 में पांडातराई स्वास्थ्य केंद्र में जीवनदीप समिति में कार्यरत था और जीवनदीप कर्मचारी कल्याण संघ का कोषाध्यक्ष था। इसी बीच संगठन का पंजीयन कराने वह रायपुर गया था। आरोपी बिसेसर ध्रुव से उसका मुलाकात हुआ, जो बताया कि मेरा मंत्रालय में पहुंच है। कई लोगों को नौकरी लगा चुका हूं, आपका भी नौकरी लगवा दूंगा। लेबर इस्पेक्टर के लिए 20 लाख, चपरासी के लिए 8 लाख एवं शिक्षक पद के लिए 15 लाख रुपए लगेगा। नौकरी चाहिए तो सोंचकर बताना कहा। 

प्रार्थी गंडई अपनी बहन संजू के घर पर चर्चा किया और रिश्तेदार विद्या देवांगन, त्रिलोक देवांगन, विवेक देवांगन सभी को बिसेसर ध्रुव द्वारा नौकरी लगवा देने की बात को बताया। सभी अपना-अपना नौकरी लगवाने  सहमत हुए। इसी बीच बिशेसर लगातार फोन से बात कर नौकरी लगवा देने की गारंटी देता रहा और 25 दिसंबर 2022 को गंडई आया। सभी संजू देवांगन के घर में बैठकर चर्चा किए। पांच लोगों का नौकरी लगवा देने का बिसेसर द्वारा वादा किया गया। संतोष देवांगन को शिक्षक, विद्या देवांगन, त्रिलोक देवांगन को लेबर इंस्पेक्टर व संजू देवांगन और विवेक देवांगन को चपरासी पद के लिए नौकरी लगवा देने कहा। सभी उसके झांसे में आ गए और अलग-अलग तिथियों में 25 दिसंबर से लेकर 17 जून 2024 तक बिसेसर और उसके साथी भुवनेश देवांगन को कुल 37 लाख 67 हजार 900 रुपए दे दिए। 

प्रार्थी संतोष देवांगन द्वारा आरोपी बिसेसर क खाते में फोन-पे क माध्यम से 7 लाख 67 हजार 900 रुपए ट्रांजेक्शन किया गया और विद्या देवांगन द्वारा आरोपी भुवनेश देवांगन के खाता में एक लाख 50 हजार रुपए ट्रांजेक्शन किया। शेष रकम अलग-अलग तिथियों में नगद गंडई, धमधा एवं रायपुर में प्रार्थियों द्वारा भुगतान किया गया।  संतोष देवांगन द्वारा 11 लाख 67 हजार 900, संजू देवांगन 4 लाख, विद्या देवांगन 11 लाख 50 हजार, त्रिलोक देवांगन 8 लाख 50 हजार तथा विवेक देवांगन द्वारा 2 लाख कुल 37 लाख  67 हजार 900 रुपए दिया गया। आरोपियों द्वारा 6 माह के भीतर नौकरी लगाने वादा किया था, लेकिन नहीं लगाया तो प्रार्थियों को शक हुआ कि उसके साथ ठगी हुआ है, तो पैसा मांगने लगे, तो बिशेसर भरोसा दिलाता रहा और बोला कि आप लोगो का नौकरी लगाने भुवनेश देवांगन को सारा पैसा दे दिया हूं, भरोसा नहीं है तो दो चेक ले लो कहकर भारतीय स्टेट बैंक का अपना दो चेक 10 लाख रुपए और 3 लाख 50 हजार रुपए का दिया गया था। भुवनेश देवांगन के पास जाकर पैसा मांगे तो वह भी नौकरी लगा दूंगा कहकर भरोसा दिलाया और अपना स्वयं का यूनियन बैंक का दो लाख रुपए का चेक काटकर दे दिया। प्रार्थियों को एक साल तक पैसा वापस कर देंगे कहकर दोनों आरोपी घुमाते रहे, लेकिन पैसा वापस नहीं किए, तो प्रार्थी संतोष देवांगन द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया। इस पर आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 34 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। 

 

खैरागढ़ एसपी त्रिलोक बंसाल द्वारा मामले की गंभीरता को देखते तत्काल आरोपियों को पकडऩे निर्देश दिया। गंडई पुलिस एवं सायबर सेल की विशेष टीम गठित किया गया, जो रायपुर और बलौदाबाजार से आरोपियों को गिरफ्तार कर थाना लाए। आरोपियों को पूछताछ करने पर अपना जुर्म स्वीकार किए।  आरोपी भुवनेश देवांगन द्वारा जिला बीजापुर थाना भैरमगढ़ में अपराध क्रमांक 19/24 धारा 420 भादवि जोडऩे धारा 467, 468, 471, भादवि के तहत भी नौकरी लगाने के नाम से 38 लाख रुपए का ठगी किया गया है।  उस प्रकरण में आरोपी तीन माह तक जेल में था, जो अभी जमानत पर है। आरोपीगणों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड में भेजी जा रही है।


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