राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनंादगांव, 4 जुलाई। भाजपा किसान नेता अशोक चौधरी ने कहा कि वर्तमान समय में कम वर्षा के कारण खेतों में खरपतवार की अधिकता हो गई है। खरपतवार की निंदाई-गुड़ाई करने में अधिक खर्च आता है, इसलिए वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए गए दवाई को स्प्रे करने से खरपतवार समाप्त हो जाता है और धान का ग्रोथ अच्छा होता है। ज्ञात हो कि धान पकने के समय बालियों को सूखने का काम तना छेदक कर देता है। यह भी ज्ञात हो कि तना छेदक पौधे में ही लग जाता है, इसलिए इसका उपाय एक महीने की फसल के पहले ही करना चाहिए, इसके लिए भी वैज्ञानिकों ने दवाई का सुझाव दिया है। यह दोनों दवाई किसान कॉल सेंटर नई दिल्ली के वैज्ञानिकों द्वारा सुझाया गया है। खरपतवार नियंत्रण एवं तना छेदक नियंत्रण की दवाई में धान की फसल में घास वाली तथा चौड़ी पत्तियों वाले खरपतवार प्रबंधन के लिए बिस्पाईरिबैक सोडियम 10 प्रतिशत एससी दवा की 80-100 मिलीलीटर मात्रा प्रति एकड़ की दर से 10 गिलास पानी के साथ मिलाकर 150 से 200 लीटर पानी के साथ घोल बनाकर बोवाई के 15 से 20 दिन बाद छिडक़ाव करें। धान में हुए तना छेदक के प्रकोप को खत्म करने के लिए कारटाप हाइड्रोक्लोराइड 4 प्रतिशत जीआर दवा की 8 से 10 किलो मात्रा प्रति एकड़ की दर से 10 किलो नमीयुक्त रेत में मिलाकर खेत में भुरकाव करें।