राजनांदगांव

जिला 30 जून तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित
23-Mar-2025 3:12 PM
जिला 30 जून तक जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित

बिना अनुमति खनन पर रोक

राजनांदगांव, 23 मार्च। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी संजय अग्रवाल ने जिले में आगामी ग्रीष्म ऋतु को ध्यान में रखते पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने पेयजल परिरक्षण अधिनियम के तहत 20 मार्च से 30 जून अथवा मानसून के आगमन तक (दोनों में से जो बाद में आए उस तिथि तक) की अवधि के जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया है।

जारी आदेश में कहा गया है कि जिले में 20 मार्च से 30 जून तक की अवधि में सक्षम अधिकारी की पूर्वानुमति के बिना कोई नया नलकूप पेयजल अथवा पेयजल के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए खनन नहीं किया जा सकेंगे, लेकिन शासकीय एजेंसी जैसे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को संपूर्ण जिले तथा नगर पालिक निगम एवं नगर पंचायतों को केवल पेयजल हेतु अपने नगरीय निकाय की सीमा अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में नलकूप खनन के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल इस अवधि में खनन कराए गए नलकूपों की जानकारी प्राधिकृत अधिकारी को भेजना होगा। केन्द्रीय भू-जल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार राजनांदगांव जिले के 3 विकासखंड राजनांदगांव, डोंगरगांव एवं डोंगरगढ़ भू-जल के उपयोग के विषय पर सेमी क्रिटिकल जोन में आ चुके हैं। जनसुविधा को ध्यान में रखते अधिनियम अंतर्गत नलकूप खनन हेतु अनुमति प्रदान करने अधिकारियों को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया जाता है। 

राजनांदगांव नगर पालिक निगम सीमा के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी राजनांदगांव, राजस्व अनुविभाग राजनांदगांव के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व राजनांदगांव, राजस्व अनुविभाग डोंगरगांव के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डोंगरगांव, राजस्व अनुविभाग डोंगरगढ़ के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व डोंगरगढ़, राजस्व अनुविभाग छुरिया के तहत आने वाले क्षेत्र के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व छुरिया को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है। नियुक्त प्राधिकृत अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पेयजल परिरक्षण अधिनियमों में उल्लेखित प्रावधानों के अनुसार नलकूप खनन आवश्यक होने पर अनुमति प्रदान करने की कार्रवाई करेंगे। यदि किसी व्यक्ति या एजेंसी द्वारा अधिनियम के उल्लंघन में नलकूप खनन करना पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

 

टुल्लू पंप का उपयोग पर होगी कार्रवाई
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामों में टूल्लू पंप के इस्तेमाल को लेकर बड़ी कार्रवाई की जा रही है। उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा धीरी योजना अंतर्गत 24 ग्रामों में अवैध इलेक्ट्रिक वाटर पंपों के कारण जल प्रदाय अवरूद्ध करने वालों के विरूद्ध समुचित कार्रवाई किए जाने हेतु कलेक्टर द्वारा टीम गठित की गई है। जिसमे सभी 24 ग्रामों में निरीक्षण किया जाएगा एवं उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशानुसार ग्रामों का निरीक्षण कर अवैध रूप से उपयोग हो रहे टुल्लू पंपों को निकालने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी टुल्लू पंप का उपयोग करते पाए जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
 


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