राजनांदगांव
स्वदेशी मेला में लुप्त होती विधा से खींचा लोगों का ध्यान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 फरवरी। शहर के स्टेट हाईस्कूल में आयोजित स्वदेशी मेला के सातवें दिन लोक गाथा भरथरी की शानदार प्रस्तुति से लोक कलाकार हिमानी वासनिक ने सबका मन मोह लिया। इस विधा के जरिये हिमानी ने राजा भरथरी के जन्म प्रसंग को संजीदगी के साथ प्रस्तुत किया।
मंच पर आसीन अतिथि से लेकर दर्शक हिमानी वासनिक के प्रस्तुतिकरण से अभिभूत हुए। भरथरी छत्तीसगढ़ राज्य की एक प्रमुख विधा है। पिछले कुछ सालों से यह विधा लुप्त होने के कगार पर है। ऐसे में हिमानी वासनिक ने लोगों के बीच शानदार प्रस्तुति देकर इस विधा की खासियत से हर वर्ग को अवगत कराया। हिमानी इस विधा की शिक्षा अंतर्राष्ट्रीय कलाकार रेखा जलक्षत्रिय से ले रही है। प्रदेश में यह विधा समाप्त होने की स्थिति में है। हिमानी एक अच्छी गायिका भी है।
गौरतलब है कि हिमानी वासनिक छत्तीसगढ़ की मुख्य लोकगायिका कविता वासनिक और लोक संगीत से जुड़े विवेक वासनिक की सुपुत्री है। मंच में हिमानी ने अपने प्रभावी मुद्राओं से सबको वाहवाह करने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम की प्रस्तुति में हारमोनियम मोहित चंद्राकर, बैंजो हर्ष मेश्राम, तबला चंद्रकांत निर्मलकर, ढोलक हरीश पंडया, रागी राकेश सिन्हा और गायिका गीतिका डोंगरे ने अपनी छाप छोड़ी। मंच में इस दौरान पूर्व सांसद अशोक शर्मा, जिलाध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत, स्वदेशी मेला प्रबंधक सुब्रत चाकी, अशोक चौधरी, विनोद डढ्ढा समेत अन्य लोग शामिल थे।


