राजनांदगांव

केंद्र सरकार अधिवक्ता संशोधन विधेयक से न्याय व्यवस्था को ध्वस्त करने आमादा : रूपेश
23-Feb-2025 4:03 PM
केंद्र सरकार अधिवक्ता संशोधन विधेयक से न्याय व्यवस्था को ध्वस्त करने आमादा : रूपेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 फरवरी।
छग प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं प्रदेश कांग्रेस विधि विभाग के महामंत्री रूपेश दुबे ने केंद्र सरकार द्वारा  अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 को केंद्र सरकार की साजिश करार देते कहा कि भाजपा सरकार जहां संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग  सहित ऊटपटांग कानून लाकर देश में अफरातफरी का माहौल निर्मित कर चुकी है, उसी तर्ज पर अब भारतीय न्याय व्यवस्था को बाधित करने के लिए अधिवक्ता संशोधन विधेयक लाकर न्याय प्रणाली पर सरकार अपना अधिनायक वाद थोपना चाहती है। जिसके चलते न्याय मार्ग के पथ प्रदर्शक अधिवक्ता समूहों द्वारा विरोध प्रारंभ हो गया है।

प्रवक्ता श्री दुबे ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए एक्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बनाया जाता है और वह आज पूरे देश में लागू है, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार अधिवक्ता विधेयक कानून के माध्यम से बार काउंसिल आफ इंडिया के अधिकारिकता के साथ-साथ अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता पर प्रहार करने की नीति बना ली है। अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 4 में संशोधन कर बीसीआई  सदस्यों के रूप में केंद्र सरकार द्वारा 3 सदस्य नामित किए जाएंगे, जो बीसीआई को नियम बनाने निर्देश देंगे, जो कतई उचित नहीं है, क्योंकि बीसीआई में सदस्य राज्य बार काउंसिल द्वारा चुने जाते हैं। इसी प्रकार कोर्ट में अनुचित तर्क और अशोभनीय भाषा के लिए अधिवक्ताओं के 6 माह के लिए लाइसेंस निरस्त करने का जो कानून ला रही है, अनुचित तर्क और अशोभनीय की व्याख्या स्पष्ट न होने से आने वाले समय में गंभीर परिणाम होंगे, नए अधिनियम की धारा 35 ए में अधिवक्ता अपने अधिकारों के लिए हड़ताल भी नहीं कर पाएंगे, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में अधिकारों की रक्षा से वंचित करने वाला कार्य है। 


अन्य पोस्ट