राजनांदगांव
पॉलीट्रॉमा और जहर सेवन केस में चिकित्सकों की संयुक्त कोशिश से बची जान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 फरवरी। राजनांदगांव शहर के नवजीवन अस्पताल की बेहतर चिकित्सकीय व्यवस्था ने पिछले दिनों दो गंभीर मामलों में पीडि़त मरीजों को नया जीवन दिया।
परिजन ऐसे समय में अस्पताल लेकर मरीजों को लेकर पहुंचे, जब दुर्ग, रायपुर और अन्य अस्पताल की ओर से उन्हें मायूस लौटा दिया गया था। नवजीवन अस्पताल में अनुभवी चिकित्सकों के इस प्रयास की शहर में चर्चा हो रही है। मिली जानकारी के मुताबिक डोंगरगांव रोड स्थित नवजीवन अस्पताल में कुछ दिन पहले पॉलीट्रॉमा का एक मामला अस्पताल में पहुंचा। उस दौरान मरीज के शरीर के कुछ प्रमुख अंगों की हड्डियां टूट-फूट गई थी। उक्त मरीज हेड इंज्यूरी से भी ग्रसित था। अस्पताल में दाखिल करने के दौरान परिजनों को चिकित्सकों ने इस बात के लिए भरोसा दिया कि बेहतर प्रयास से मरीज को शारीरिक रूप से दुरूस्त करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। चिकित्सकों की कठिन परिश्रम और संयम से उक्त मरीज 7-8 दिन अस्पताल में वेंटिलेटर में रहने के बाद रिकवर करने लगा। परिजन मरीज के ठीक होने की उम्मीद छोड़ बैठे थे, लेकिन चिकित्सकों की टीम ने अपनी कोशिश को जारी रखा। आखिरकार उक्त मरीज अब स्वस्थ होकर परिजनों के साथ घर लौट गया। इसी तरह जहर सेवन के एक मामले में मरणासन्न स्थिति में पहुंचे मरीज को भी चिकित्सकों कि टीम ने उचित दवाई और कठिन प्रयास से नया जीवन दिया। उक्त मरीज के ब्रेन में आक्सीजन की 50 फीसदी कमी हो गई थी।
जिसके चलते उसे सांस लेने की भी तकलीफ थी। चिकित्सकों ने उच्च चिकित्सकीय पद्धति से उपचार कर उसकी जान बचाई। नवजीवन अस्पताल की टीम सामुदायिक क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्य कर रही है। अस्पताल में हर इलाज के लिए हाईटेक मशीनें और संसाधन उपलब्ध है।
अस्पताल में लगातार गंभीर रोग और सडक़ हादसों में जख्मी लोगों की सेहत को दुरूस्त करने के लिए यथासंभव प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों के प्रति आम लोगों का भरोसा लगातार गहरा होता जा रहा है । आने वाले दिनों में अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से भी उपचार की व्यवस्था शुरू होगी।


