राजनांदगांव
राजनांदगांव, 2 फरवरी। कर्मचारियों को अपने आय के फलस्वरूप टैक्स देनदारियों को कम करने के लिए आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 ब् का आकर्षक प्रावधान ओल्ड टैक्स रेजीम में था। यह सेक्शन बचत और निवेश के संभावनाओं में वृद्धि करता था। जो कि न्यू टैक्स रेजीम में नहीं है। उक्ताशय को व्यक्त करते छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, प्रांतीय प्रमुख महामंत्री सतीश ब्यौहरे, जिला संरक्षक मुकुल साव, जिला अध्यक्ष पीआर झाड़े, पीएल साहू, जितेंद्र बघेल, बृजभान सिन्हा, वीरेंद्र रंगारी, शीरीष पांडे, हेमंत पांडे, पुष्पेंद्र साहू, उत्तम डड़सेना, द्रोण साहू, संगीता ब्यौहरे, नीलू झाड़े, सीमा तरार, रमेश साहू , संजीव मिश्रा, अभिषिक्ता फंदियाल, स्वाति वर्मा, सुधांशु सिंह, सोहन निषाद, अब्दुल कलीम खान, सीएल चंद्रवंशी, राजेंद्र देवांगन, सीआर वर्मा, हीरालाल गजभिये एवं अनिल साहू ने कहा है कि केन्द्र सरकार को अपने बजट 2025 में वेतनभोगी कर्मचारियों को मौजूदा टैक्स स्लैब में छूटों एवं कटौतियों को ओल्ड टैक्स रेजीम अनुसार संशोधन करना चाहिए। इससे कर्मचारियों में बचत एवं निवेश की भावना को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कर्मचारियों को होम लोन लेने प्रोत्साहन मिलेगा। उनका कहना है कि इस नीति से बैंकिंग तथा इन्सुरेंस सेक्टर में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा। फलस्वरूप केन्द्र सरकार के विकास कार्यों के लिये राजस्व आमदनी में वृद्धि होगी। फेडरेशन ने बजट 2025 में कर्मचारी हित, देश हित के दृष्टिगत केन्द्र सरकार से टैक्सेबल इनकम एवं टैक्स स्लैब में सुधार करने का अपील किया है।


