राजनांदगांव

आधा दर्जन ऐसे वार्ड, जहां रही भाजपा-कांग्रेस की जीत की गारंटी
02-Feb-2025 3:56 PM
आधा दर्जन ऐसे वार्ड, जहां रही  भाजपा-कांग्रेस की जीत की गारंटी

 कांग्रेस से कुलबीर, हफीज, संतोष, सुनीता, सतीश और भाजपा से शिव, पारस, विजय, मणिभास्कर माने जाते हैं विनिंग कैंडिटेट 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 2 फरवरी।
राजनांदगांव नगर निगम के आधा दर्जन वार्ड ऐसे हैं, जिन्हें कांग्रेस और भाजपा जीत के लिहाज से सुरक्षित सीट मानती है। दोनों दल में ऐसे कुछ चेहरे हैं, जिन्हें जीत की गारंटी के रूप में देखा जाता है। कांग्रेस में ऐसे चेहरों की भाजपा की तुलना में तादाद ज्यादा है। लगातार पार्षद चुनकर आ रहे दोनों दल के इन चेहरों के सामने मुकाबले में खड़े प्रतिद्वंदी भी उनका लोहा मानते हैं। 

शहर के शीतला वार्ड क्र. 24 से कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ रहे कुलबीर छाबड़ा लगातार 25 सालों से पार्षद चुनकर निगम में पहुंच रहे हैं। वह ऐसे परिस्थितियों में विजयी हुए, जब उनके वार्ड का परिसीमन भी कर दिया गया। कुलबीर ने बीते ढाई दशक में भाजपा को बड़े अंतरों से मात दी है। मौजूदा निकाय चुनाव में उनके सामने भाजपा ने नए-नवेले शैंकी बग्गा को खड़ा किया है। बग्गा ने भारतीय इंजीनियरिंग सर्विस से वीआरएस लेकर  राजनीति में कदम रखा। कुलबीर लगातार 6वीं बार पार्षद चुनाव जीतने का दावा कर रहे हैं। उनकी साख जीत की गारंटी वाली रही है।

इसी तरह वार्ड नं. 13 गौरीनगर से हफीज खान भी चुनाव लड़ रहे हैं। हफीज को लेकर कांग्रेस काफी निश्चिंत है। वजह यह है कि हफीज अपने वार्ड से 4 बार विजयी हुए हैं। 
आरक्षण होने की स्थिति में  वह अपने करीबी को जीताकर अपना वर्चस्व बनाए रखते हैं। कांग्रेस के एक और चेहरे संतोष पिल्ले वार्ड नं. 17 तुलसीपुर से चुनाव मैदान में है। पिल्ले भी लगातार  3 बार से पार्षद चुने जा रहे हैं। पिल्ले की छवि विजयी उम्मीदवार वाली रही है। 

इसी तरह पूर्व पार्षद अशोक फडऩवीस का वार्ड भी कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। अशोक के साथ उसकी पत्नी भी पार्षद रही है। वर्तमान में वह कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में है। कांग्रेस के एक और मजबूत चेहरे के रूप में सतीश मसीह को भी जीत में सक्षम के रूप में गिना जाता है। वह भी लगातार पार्षद चुनाव जीत रहे हैं।

उधर, भाजपा के शिव वर्मा की वार्डों में काफी मजबूत स्थिति रही है। लिहाजा पिछले ढाई दशक से वह पार्षद चुनकर सदन में पहुंच रहे हैं। वर्मा को एक  दमदार उम्मीदवार माना जाता है। ठाकुर प्यारेलाल वार्ड नं. 16 से पारस वर्मा तीन बार के पार्षद हैं। वह चौथी बार किस्मत आजमा रहे हैं। पारस के नाम नगर निगम में सर्वाधिक मतों से पार्षद चुने जाने का रिकार्ड है। 

भाजपा के विजय राय भी लगातार चुनाव जीतकर सदन में पहुंचते रहे हैं। इस बार पार्टी ने उनकी जगह महिला आरक्षण के चलते पत्नी केवरा राय को मौका दिया है। पत्नी को जीताने के लिए विजय राय काफी कोशिश कर रहे हैं। दिग्विजय वार्ड नं. 38 से चुनाव लड़ रही मणिभास्कर गुप्ता भी दो बार से पार्षद है। इस बार वह चुनाव जीती तो इस वार्ड से चुनकर जाने का रिकार्ड बनाएगी। कुल मिलाकर आधा दर्जन वार्ड में भाजपा-कांग्रेस जीत की गारंटी मानकर चल रही है।
 


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