राजनांदगांव

भूपेश, हर्षिता और भोलाराम के खिलाफ नाराजगी उपजी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 31 जनवरी। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर-अध्यक्ष और पार्षदों की टिकट में मनमानी होने से जिले के कांग्रेसी नेता खफा हो गए हैं। कुछ जगह इस्तीफे की तैयारी है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं में पूर्व सीएम भूपेश बघेल, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता बघेल और खुज्जी विधायक भोलाराम साहू के अलावा राजनांदगांव से विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी रहे गिरीश देवांगन के खिलाफ खुलकर नाराजगी सामने आ रही है।
राजनांदगांव में बघेल और देवांगन की पसंद पर महापौर की टिकट निखिल द्विवेदी को दिया गया। द्विवेदी को उम्मीदवार घोषित करने के बाद से कांग्रेस में कई धड़े तैयार हो गई है। शहर अध्यक्ष कुलबीर छाबड़ा इस फैसले से खफा हैं। उनकी नाराजगी इस बात से जाहिर होती है कि वह द्विवेदी के नामांकन दाखिले के दौरान गैरमौजूद रहे। इसके अलावा कई सांगठनिक नेता हैं, जो ऊपरी तौर पर द्विवेदी के साथ खड़े हैं। अंदरखाने द्विवेदी के खिलाफ असंतुष्ट कांग्रेसी नेताओं ने मोर्चा खोल रखा है।
बताया जाता है कि बघेल की पसंद पर द्विवेदी उम्मीदवार बनाए गए हैं। बघेल की पसंद पर ही गिरीश देवांगन को विधानसभा चुनाव में टिकट दी गई, लेकिन वह बुरी तरह से पराजित हुए थे। विधानसभा के बाद लोकसभा में भूपेश बघेल कांग्रेस के प्रत्याशी बनाए गए। उन्हें भी सांसद संतोष पांडे से करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस में चर्चा है कि पूर्व सीएम और देवांगन स्थानीय नेताओं को तवज्जो देने से परहेज कर रहे हैं।
दरअसल, बघेल ने राजनांदगांव को परंपरागत सीट मान लिया है। वह भविष्य के चुनावों को लेकर अपना समीकरण तैयार कर रहे हैं। इधर, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता बघेल भी निकाय चुनाव में अपनी मनमर्जी चलाने में कामयाब रही।
बताया जा रहा है कि डोंगरगढ़ नगर पालिका की कांग्रेस प्रत्याशी नलिनी मेश्राम को हर्षिता की पसंद पर मैदान में उतारा गया है। नलिनी और हर्षिता के बीच अंदरूनी समझौते की चर्चा है। हर्षिता ने वार्ड पार्षद में भी अपनी पसंद के अनुसार प्रत्याशियों का चयन किया है।
वार्ड नं. 17 से टिकट मांग रहे पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने विधायक पर गंभीर आरोप लगाते कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब वह निर्दलीय चुनाव लडऩे की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि संजय श्रीवास्तव को टिकट नहीं देने के लिए विधायक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज से भी भिड़ गई। वहीं पूर्व मंत्री धनेश पाटिला ने दो वार्ड से अपने करीबियों को टिकट देने की सिफारिश की थी। विधायक ने पाटिला की सिफारिश को भी दरकिनार कर दिया।
इसी तरह खुज्जी विधायक भोलाराम साहू भी असंतुष्टों के निशाने पर है। सियासी खींचतान में साहू ने अंबागढ़ चौकी नगर पंचायत अध्यक्ष की टिकट के प्रबल दावेदार अनिल मानिकपुरी का पत्ता साफ कर दिया। अनिल मानिकपुरी मोहला-मानपुर जिले के अध्यक्ष हैं। वह पूर्व में नगर पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। बताया जा रहा है कि मानिकपुरी ने भी कांग्रेस छोडऩे का ऐलान कर दिया है। आज दोपहर बाद मानिकपुरी की राजनांदगांव में प्रेस कान्फ्रेंस है।
मानिकपुरी ने इस्तीफा देने की ‘छत्तीसगढ़’ से पुष्टि की है। वह निर्दलीय चुनाव लडऩे की भी तैयारी में है। खुज्जी विधानसभा के मुख्यालय छुरिया में भी भोलाराम साहू ने मनमानी करने की कोशिश की, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने रितेश जैन को उम्मीदवार घोषित किया।
जैन के लिए पूर्व विधायक छन्नी साहू टिकट देने के लिए जोर लगा रही थी। बहरहाल राजनांदगांव जिले के निकायों में टिकटों को लेकर मनमानी करने के आरोप में घिरे पूर्व सीएम बघेल और क्षेत्रीय विधायकों के खिलाफ कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है।