राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 जनवरी। प्रखर राष्ट्रभक्त नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती पर छत्तीसगढ़ साहित्य समिति द्वारा साहित्यिक आयोजन कर ओज पूर्ण काव्य पाठ के बीच पराक्रम दिवस मनाया गया।
साहित्य समिति के संरक्षक शारदा तिवारी व अशोक चौधरी की उपस्थिति में मिथिला धाम श्री गणेश मंदिर में आयोजित साहित्यिक आयोजन की अध्यक्षता कमला कालेज के प्रोफेसर व चिंतक केके द्विवेदी ने की। इस दौरान नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को श्रद्धापूर्वक नमन करते किसान नेता अशोक चौधरी ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेंजों से लड़ाई लड़ते समय यदि नेताजी को उस समय के कांग्रेसियों का साथ मिलता तो हमारा देश भारत द्वितीय विश्व युद्ध के समय ही स्वतंत्र हो गया होता, लेकिन दुर्भाग्य कि ऐसा हो न सका।
छग राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक आत्माराम कोशा ने काव्यात्मक शैली में नेताजी को नमन किया। अध्यक्षता करते प्रोफेसर श्री द्विवेदी ने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को प्रखर राष्ट्रभक्त बताते कहा कि नेताजी इटली, फ्रांस, जर्मनी, जापान आदि अंग्रेजों के दुश्मन देश के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आजाद हिन्द फौज का गठन कर युद्ध छेड़ दिया था और बर्मा तक पहुंचकर सबसे पहले मणीपुर में तिरंगा फहराया था। उन्होंने अपने ही लोगों से लडऩे से इंकार कर दिया था। संरक्षक शारदा तिवारी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर उन्हें याद नहीं किए जाने पर कहा कि उन्हें ब्रह्मांड देख रहा है। साहित्य समिति ने उन्हें याद किया, नेताजी सदैव अमर रहेंगे।
उक्ताशय की जानकारी मानसिंह मौलिक ने दी।