राजनांदगांव

वार्डों में चोरी, बदसलूकी और गैरवाजिब काम में लिप्त की शिकायतों पर अब तक कार्रवाई नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 18 जनवरी। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज के वाशरूम में मोबाइल रखकर नर्सिंग छात्रों की वीडियो बनाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हालांकि शिकायत के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन निजी कंपनी मेटास के कर्मचारियों का ऐसे आपत्तीजनक हरकतों का पहला मामला नहीं है। मेडिकल कॉलेज के मामलों में सुरक्षा और अन्य कार्यों में शामिल कंपनी के कर्मचारियों पर मोबाइल चोरी, मरीजों से बदसलूकी और गैरवाजिब कार्यों में लिप्त होने की शिकायतें पूर्व में भी हुई है, लेकिन मेटास कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई करने में अस्पताल प्रबंधन ने रूचि नहीं ली।
मिली जानकारी के मुताबिक लंबे समय से मेटास कंपनी के कर्मचारियों को वार्ड ब्वाय, सुरक्षा और अन्य कार्यों के लिए तैनात किया गया है। लंबे समय से कंपनी का वेरिफिकेशन भी नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि अस्पताल के ज्यादातर चिकित्सक मेटास कंपनी की जगह दूसरी कंपनी की सेवाएं लेने की कई बार बैठक में बात रख चुके हैं। कंपनी के साथ मेडिकल कॉलेज के कतिपय चिकित्सकों के अच्छे रिश्ते हैं। लिहाजा कंपनी को नियमित तरीके से मेडिकल कॉलेज में सेवा के लिए रखा गया है। वाशरूम में मोबाइल रखकर वीडियो बनाने की फिराक में रहने वाले आरोपी की हरकत को हल्के में नहीं लिया जा सकता। यह एक बड़ा संवेदनशील मुद्दा है। नर्सिंग छात्राओं के वाशरूम तक आरोपी कैसे पहुंचा, यह भी जांच का विषय है।
बताया जा रहा है कि आरोपी के हरकतों का खुलासा 14 जनवरी को ही सामने आ गया था। एक छात्रा की वाशरूम में रखे मोबाइल पर नजर पड़ी। अस्पताल प्रबंधन को इस मामले की जानकारी मिली, लेकिन त्वरित कार्रवाई करने के बजाय तीन दिनों तक जांच के नाम पर मामले को लटकाकर रखा गया। बताया जा रहा है कि इस मामले में डॉ. पवन जेठानी और डॉ. प्रकाश खूंटे ने भी अपने स्तर पर जांच पड़ताल की। बताया जा रहा है कि मेटास कंपनी के कर्मचारियों के रवैये को लेकर पहले भी कई चिकित्सकों ने प्रबंधन से शिकायत की है। राजनांदगांव मेडिकल कॉलेज में मरीजों और परिजनों के मोबाइल और पैसे चोरी होने से लेकर अन्य आपत्तिजनक मामलों में मेटास कंपनी के कर्मियों की प्रत्यक्ष भूमिका रही है। कुल मिलाकर कंपनी को अस्पताल प्रबंधन ने ही ढ़ीले तरीके से नियंत्रित किया। नतीजतन आज कंपनी के कर्मी ने महिलाओं के गोपनीयता को भंग करने का कुत्सित प्रयास किया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल अधीक्षक अतुल देशकर की ओर से अब तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मेटास कंपनी को छूट देने के मामले में कड़ी कार्रवाई करने कॉलेज के चिकित्सक लामबंद हो रहे हैं।