राजनांदगांव
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परिवहन व्यवस्था शुरूआत में ही लडख़ड़ाई, मिलिंग के लिए अब तक पंजीयन नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 26 नवंबर। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के 10 दिन गुजर गए हैं। सोसायटियों में बंपर धान की आवक होने से शुरूआती व्यवस्था लडख़ड़ा रही है। खासतौर पर परिवहन व्यवस्था प्रारंभ नहीं होने से सोसायटियों में धान जाम हो गया है। इसके अलावा मिलिंग के लिए पंजीयन भी शुरू नहीं हुआ है। जिला सहकारी बैंक के जरिये हो रही सोसायटियों में खरीदी के बीच अव्यवस्था देखकर समिति प्रबंधकों को कुछ सूझ नहीं रहा है।
बताया जा रहा है कि खरीदी को लेकर अब प्रबंधक पेशोपेश में है। 10 दिन में खरीदे गए धान का उठाव नहीं होने जगह की किल्लत बढ़ गई है। मिलर्स की ओर से पंजीयन को लेकर खास रूचि नहीं ली जा रही है। हालांकि कई बार प्रशासन ने पुख्ता व्यवस्था को लेकर दावा किया है। धान खरीदी के दौरान हर साल किसानों को कई तरह की व्यवहारिक परेशानी से जूझना पड़ता है। राजनांदगांव, मोहला-मानपुर, कवर्धा, खैरागढ़ के लगभग सभी समितियों में धान की भरपूर आवक हो रही है।
सरकार की ओर से एक-एक दाना खरीदने का दावा किया है। इस बीच मिलर्स भी अपने पुराने बकायों को लेकर अड़े हुए हैं।
बताया जा रहा है कि मिलर्स 300 करोड़ रुपए के पुराना बकाया और मिलिंग दर को लेकर अपनी मांग पर अडिग हैं। यही कारण है कि परिवहन व्यवस्था के साथ-साथ मिलर्स की मांग ने भी धान खरीदी को प्रभावित कर दिया है। मिलिंग हेतु अब तक पंजीयन नहीं किया गया है। प्रशासन पर समितियों से जल्द धान उठाव का दबाव बढ़ा हुआ है। ट्रांसपोर्टरों को अपने साथ लेने के लिए प्रशासन एक तरह से वैकल्पिक विचार कर रहा है। उधर सुदूर इलाकों में भी धान खरीदी में तेजी आई है। खैरागढ़ जिले के ईटार सोसायटी में किसान उपज बेच रहे हैं, लेकिन वहां पर भी स्थिति जाम के रूप में सामने आई है।
उधर धान खरीदी को लेकर लगातार किसान सोसायटियों में पहुंच रहे हैं। जिसमें राजनांदगांव जिले में 19 हजार 484 किसानों ने उपज बेच दी है। 9 लाख 39 हजार 739 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। जिसके एवज में 21703.04 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इसी तरह खैरागढ़ में 9385 किसान अपना उपज बेच चुके हैं। खैरागढ़ में अब तक 508867.60 क्विंटल की खरीदी हो चुकी है।
उक्त खरीदी के लिए किसानों को 11737.55 लाख रुपए दिए गए हैं। मोहला-मानपुर जिले के 2997 किसान ने धान बेचकर 3280.76 लाख रुपए का भुगतान प्राप्त कर लिया है। कवर्धा जिले में 10885 किसानों ने 536314.00 क्विंटल उपज बेच दिया है। प्रशासन ने किसानों को 12382.19 लाख रुपए की राशि प्रदान कर दी है। दिलचस्प बात यह है कि किसानों की उपज खरीदी के बाद से चारो जिलों में परिवहन का आंकड़ा शून्य है।
ऐसे में सोसायटियों में लगातार धान की छल्लनियां बढ़ती ही जा रही है। सोसायटी प्रबंधक कई बार व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए अफसरों से गुजारिश कर चुके हैं, लेकिन व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है।