राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 नवंबर। पावर से कनेक्शन जोडऩे की कला राजयोग मेडिटेशन से बहुत शुद्ध वायब्रेशन मिलता है, इसलिए जापान के लोग राजयोग मेडिटेशन को बहुत पसंद करते हैं। जापान में दूसरे विश्व युद्ध के समय हिरोशिमा और नागासाकी में बम से बर्बादी के बाद वहां दु:ख और अशान्ति के बीच जब वहां के लोग ब्रह्माकुमारी के संपर्क में आते हैं तो उन्हें यह राजयोग मेडिटेशन बहुत पसंद आता है, क्योंकि इसमें परिवार के प्यार की भासना है। वैसे तो जापान बहुत अच्छा देश है, वहां लोग बहुत अच्छे हैं, ईमानदार हैं, वह एकता और सदभावना पसंद करते हैं। जापान के लोग बहुत मेहनती हैं, विज्ञान की टेक्नोलॉजी बहुत विकसित है, पर सच्ची सुख-शांति की प्राप्ति के लिए राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करना पसंद करते हैं। जिसमें सुप्रीम पावर से दिल खोलकर बात करते हैं। न केवल जापान, बल्कि विश्व के सभी देशों में राजयोग मेडिटेशन आत्म कल्याण के लिए बहुत ही सशक्त माध्यम है। उपरोक्त विचार जापान एवं फिलिपींस में ब्रह्माकुमारी की निर्देशिका ब्रह्माकुमारी रजनी बहन ने व्यक्त किया।
4 नवंबर को राजनांदगांव आगमन पर संस्कारधानी में उनका भव्य स्वागत किया गया। ब्रह्माकुमारी के गोकुल नगर के आगे बिजली सब-स्टेशन के पास ज्ञान मानसरोवर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ब्रह्माकुमारी रजनी बहन के आगमन पर दीपावली का पर्व एवं भाई दूज भी मनाया गया। जिसमें शामिल समस्त भाई-बहनों को भाई दूज का तिलक लगाया गया। यह दृश्य देखकर ब्रह्माकुमारी रजनी बहन ने कहा कि भारत में तो दीपावली का त्यौहार बहुत धूमधाम से मनाते हैं। एयरपोर्ट में और विभिन्न स्थानों पर बहुत सजावट की जाती है, पर विदेशों में ऐसा नहीं होता उन्होंने कहा कि अभी हमें आंतरिक खुशी में रहना है और तपस्या के मार्ग पर निरन्तर चलते अपने जीवन को सफल करना है।
इस अवसर पर संस्था के इंदौर जोन की निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता बहन ने कहा कि रजनी बहन बहुत हिम्मत वाली हैं, जो विदेश में रहकर सेवा कर रही हैं। संस्कारधानी राजनांदगांव की ओर से समाजसेवी बहन शारदा तिवारी, डॉ. साधना तिवारी, किरण अग्रवाल, शोभा जैन ने रजनी बहन एवं हेमलता बहन का शाल एवं श्रीफल भेंटकर स्वागत एवं अभिनंदन कर सम्मान किया।