राजनांदगांव

नए आयुक्त ने कहा जल्द समीक्षा कर शुरू होगा डामरीकरण
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 6 नवंबर। शहर की खराब सडक़ें की हालत किसी से छिपी नहीं है। बीते सालभर में सडक़ें पूरी तरह से जर्जर हो गई है। शहर के बाहरी और अंदरूनी वार्डों की सडक़ों से डामर गायब हो गया है। लगातार खराब सडक़ों की शिकायत के चलते निगम ने अब डामरीकरण करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार को डामरीकरण के लिए भेजे गए प्रस्ताव के बाद 10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। इस राशि से लगभग 42 सडक़ों का डामरीकरण किया जाना है।
नए आयुक्त अतुल विश्वकर्मा ने पदभार ग्रहण करने के बाद बुनियादी सुविधाओं में सबसे अहम सडक़ों की स्थिति को लेकर जानकारी ली है। बताया जा रहा है कि वह डामरीकरण को लेकर एक समीक्षा बैठक जल्द करेंगे। उसके बाद सिलसिलेवार डामरीकरण किया जाएगा। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त श्री विश्वकर्मा ने ‘छत्तीसगढ़’ से कहा कि समीक्षा बैठक के बाद सडक़ों का डामरीकरण किया जाएगा। बीते सालों में शहर की ज्यादातर सडक़ें खराब हो चुकी है। इस साल मूसलाधार बारिश होने के कारण सडक़ों को नुकसान पहुंचा है। वहीं धार्मिक आयोजनों के लिए पंडाल लगाने के कारण खादे गए गड्ढों ने भी डामरयुक्त सडक़ को हानि पहुंचाया है। इस बीच नए सडक़ों के लिए टेंडर भी जारी किया गया है। ज्यादातर सडक़ों की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
बताया जा रहा है कि वर्क ऑडर भी कुछ सडक़ों के लिए जारी किया गया है, लेकिन ठेकेदारों ने रूचि नहीं ली है। यही कारण है कि सडक़ों का डामरीकरण करने का अभियान ठंडा पड़ा हुआ है। इधर चुनावी तैयारी में जुटे मौजूदा पार्षदों को खराब सडक़ों के कारण लोगों की नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर पार्षद वार्डों में सडक़ बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं। वार्डों में पहले से ही पार्षदों की स्थिति खराब है। ऐसे में सडक़ों में आवाजाही करने के दौरान हो रही परेशानी से नाराज वार्डवासियों के तंज का भी सामना करना पड़ रहा है। निगम प्रशासन जल्द से जल्द डामरीकरण कराने की कोशिश में है, लेकिन प्रशासनिक कमजोरी का फायदा उठाकर ठेकेदारों का रूख बेहद लचीला है।