राजनांदगांव
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पार्षदों ने निगम प्रशासन के फैसले का खुलकर किया विरोध
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 अगस्त। पुष्पवाटिका में सेहत पसंद वर्ग के लिए ओपन जिम में लगाए गए एक्सरसाईज के उपकरण को हटाकर मॉडल शौचालय बनाने के फैसले का खुलकर विरोध हो रहा है। निगम अमले ने शौचालय निर्माण के लिए एक्सरसाईज के सामानों के अलावा बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाए गए झूलों और अन्य उपकरणों को उखाडऩा शुरू कर दिया है।
इस फैसले का कांग्रेस पार्षदों ने जमकर विरोध किया है। वहीं एक्सरसाईज करने के लिए रोज सुबह और शाम पुष्पवाटिका में पहुंचने वाले लोगों ने निगम के इस फैसले का पर सख्त आपत्ति जाहिर की है। निगम प्रशासन को कांग्रेस पार्षदों ने ज्ञापन सौंपकर तत्काल शौचालय निर्माण किसी अन्य जगह में किए जाने की मांग की है।
राजनांदगांव में पुष्पवाटिका की एक अलग पहचान रही है। मनोरंजन और टहलने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। कांग्रेस पार्षदों को जब इस बात की जानकारी मिली कि शौचालय निर्माण के लिए उपकरणों को उखाड़ा जा रहा है। इसको लेकर कड़ी आपत्ति जताई गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व पार्षद अशोक फडऩवीस ने भी शौचालय निर्माण अन्यत्र करने की मांग की है। उनका कहना है कि चौपाटी में व्यायाम और बच्चों के झूले की जगह को शौचालय निर्माण के जरिये नुकसान पहुंचाया जा रहा है। मॉडल शौचालय के नाम पर हो रहे निर्माण कार्य से लोगों की परेशानियां बढ़ेगी। बताया जा रहा है कि पूर्व में मॉडल शौचालय के लिए जगह भी चयनित किया गया था, 28 लाख रुपए की लागत से निर्माण कार्य होना था, लेकिन निर्माण से ठीक पहले जगह को बदलकर पुष्पवाटिका में काम शुरू कर दिया गया। ओपन जिम होने के कारण यहां कई अच्छे उपकरण हैं।
जिसमें लोग सेहत बनाने के लिए कठिन परिश्रम करते हैं। लोगों को सेहत बनाने के लिए यहां का माहौल अनुकूल लगता है। खुले माहौल में एक्सरसाईज करने के अलावा योग और अन्य तरीके से सुबह और शाम के वक्त में सैकड़ों की तादाद में लोगों की मौजूदगी रहती है।
बताया जा रहा है कि निगम प्रशासन लोगों को सुविधा देने के नाम पर मॉडल शौचालय बनाने पर एक भारी भरकम राशि फूंकने तैयार है।
जबकि शहर के ज्यादातर पार्कों का मेन्टेनेंस नहीं होने के कारण पेड़-पौधों के साथ अन्य संसाधन जर्जर हालत में है। पुष्पवाटिका में टूटे झूलों के मरम्मत को लेकर कोई प्रयास नहीं हो रहा है। शहर के दूसरे उद्यानों की स्थिति काफी दयनीय है। बहरहाल निगम प्रशासन के फैसले को लेकर पार्षदों से लेकर आम लोग भी विरोध कर रहे हैं।