राजनांदगांव
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तीनों पर 22 लाख का था ईनाम, पेरमिली दलम का सफाया
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 14 मई। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली पुलिस ने छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय पेरमिली दलम के शीर्ष कमांडर और उसके दो साथियों को सोमवार को हुए मुठभेड़ में ढेर कर दिया। मारे गए कमांडर की पहचान बस्तर के वासु समर के रूप में हुई है। वहीं मुठभेड़ में दो महिला नक्सली भी पुलिस की गोली का शिकार हुए। तीनों पर कुल 22 लाख रुपए का ईनाम था। टीसीओसी में न सिर्फ महाराष्ट्र, बल्कि बस्तर के अलग-अलग जिलों में थोक के भाव नक्सली मारे जा रहे हैं। आमतौर पर टीसीओसी अभियान नक्सलियों के आक्रमण का समय माना जाता है। इस बार फोर्स नक्सलियों को उनके अंदाज में जवाब दे रही है।
मिली जानकारी के अनुसार गढ़चिरौली जिले के कतरगट्टा गांव में कुछ नक्सलियों के एकजुट होने की खबर गढ़चिरौली पुलिस को मिली थी। नक्सली इलाके में किसी वारदात को अंजाम देने योजना बनाने में जुटे थे। सूचना के बाद पुलिस की दो अलग-अलग टीम बनाकर सोमवार सुबह पहाड़ी की ओर रवाना हुए। दोनों टीम पहाड़ी के आसपास पहुंची, तभी नक्सलियों की ओर से फायरिंग शुरू हो गई। फोर्स ने भी जवाबी फायरिंग की। करीब डेढ़ घंटे तक दोनों के बीच गोलीबारी होती रही। मुठभेड़ बंद होने के बाद पुलिस ने मौके से तीन नक्सलियों के शव बरामद किए। इसमें दो महिला नक्सली भी शामिल है। मारे गए नक्सलियों की पहचान डीवीसी मेम्बर वासु समर कोरचा, रेशमा मरकाम और कमला मड़ावी के रूप में हुई है।
सूत्रों का कहना है कि घटनास्थल से एक एके-47, एक कार्बाइन, एक इनसास रायफल बरामद किया गया है। इसके अलावा बड़ी मात्रा में विस्फोटक भी जब्त किया गया है। एनकाउंटर में मारा गया वासु समर बड़ा कैडर था। वह डीवीसी मेम्बर के रूप में काम कर रहा था। उस पर 16 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। इसी तरह रेशमा मरकाम पर 4 लाख और कमला मड़ावी पर 2 लाख रुपए का ईनाम घोषित था। तीनों दक्ष्णि बस्तर के रहने वाले थे, जो लंबे समय से गढ़चिरौली में नक्सल संगठन की कमान सम्हाल रहे थे। बताया जा रहा है कि तीनो नक्सली पुलिस पार्टियों पर हमला, ग्रामीणों की हत्या, आगजनी सहित कुछ मुठभेड़ों में शामिल रह चुके हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों का राजनांदगांव-कांकेर बार्डर डिवीजन भी लगभग ध्वस्त हो गया है। कांकेर एनकाउंटर में इस डिवीजन कमेटी के चार हार्डकोर नक्सली मारे गए थे। आरकेसी डिवीजन की टीम ही मानपुर-मोहला इलाके में वारदात करती रही है, लेकिन कांकेर मुठभेड़ के बाद यह संगठन भी लगभग ध्वस्त हो गया है। इससे नक्सल संगठन को बड़ा झटका लगा था। तत्पश्चात पेरमिली दलम के खात्मे के साथ छग-महाराष्ट्र बार्डर में नक्सल गतिविधियों में कमी आने की संभावना है।