राजनांदगांव

रमन से नई राजनीतिक भूमिका के संग चहुंमुखी विकास की लोगों को उम्मीदें
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 20 दिसंबर। राज्य में चौथी बार सत्तारूढ़ भाजपा सरकार में राजनांदगांव जिले की पूछपरख रहेगी। नई राजनीतिक भूमिका में आए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह नई सरकार में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर पूरे पांच साल काम करेंगे। अब राजनांदगांव विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन जिले के रूप में जाना जाएगा। स्पीकर बने डॉ. सिंह से उनकी नई भूमिका के साथ लोगों में चहुंमुखी विकास की उम्मीदें बढ़ा ली है।
2003 से 2018 तक भाजपा शासन में मुख्यमंत्री के तौर पर डॉ. सिंह ने लगातार 15 वर्षों तक राजनांदगांव जिले का प्रतिनिधित्व किया था। नई राजनीतिक परिस्थितियों में राष्ट्रीय नेतृत्व ने उन्हें स्पीकर की जिम्मेदारी दी है। विधानसभा अध्यक्ष के नाते उनका एक विशेष प्रोटोकाल रहेगा।
यह दीगर बात है कि पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में डॉ. सिंह संसदीय नियमों के तहत शरीक नहीं हो पाएंगे, लेकिन सरकार में उनका राजनीतिक वर्चस्व स्वभाविक तौर पर रहेगा। माना जा रहा है कि राजनांदगांव में अधूरे निर्माण कार्यों को अब गति मिलेगी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने राजनांदगांव के विकास को लेकर आंखे मूंद ली थी। नतीजतन कई बड़ी योजनाएं अधूरी रह गई। सडक़ों को लेकर लोगों को धरना-प्रदर्शन व चक्काजाम करना पड़ा।
स्थानीय दिग्विजय स्टेडियम अब तक पूर्ण रूप से अस्तित्व में नहीं आ सका, वहीं मेडिकल कॉलेज में संसाधनों की भी किल्लत आज पर्यन्त बरकरार है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर स्थानीय लोगों में भेदभाव करने की भावना झलकती रही है। शहर की बुनियादी समस्याओं से भी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किनारा कर लिया था।
इस बीच डॉ. सिंह ने स्पीकर के तौर पर विधानसभा में कार्य करना भी शुरू कर दिया है। विधानसभा अध्यक्ष का क्षेत्र होने की वजह से राजनांदगांव को विशेष क्षेत्र का दर्जा मिलना तय है। कुल मिलाकर डॉ. सिंह की भले ही राजनीतिक भूमिका नई है, लेकिन उनकी सशक्त पृष्ठभूमि के प्रभाव से अब राजनांदगांव विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ेगा।