राजनांदगांव

हत्या को भाजपा नेताओं ने षडयंत्र दिया करार, वारदात बना राजनीतिक मुद्दा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 22 अक्टूबर। मोहला-मानपुर जिले के औंधी के सरखेड़ा में भाजपा नेता बिरजू तारम की कथित नक्सल हत्या की घटना के बाद शवयात्रा में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया की मौजूदगी देखकर पत्नी और बेटी फफककर रो पड़े। मृतक की पत्नी और बेटी को बिलखते देखकर दिग्गज भाजपा नेताओं के भी चेहरे में मायूसी और दर्द छलक पड़ा।
भाजपा नेताओं ने वारदात को एक षडयंत्र करार देते दावा किया कि क्षेत्रीय पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सुरक्षा देने में कोताही बरती जा रही है। जबकि पहले भी मानपुर और औंधी इलाके के पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों को नक्सलियों द्वारा धमकी दी गई है। कई भाजपा नेताओं को नक्सलियों ने मार दिया है। परिजनों ने मृतक को न्याय दिलाने की मांग करते आला नेताओं से गुजारिश की। इससे पहले सरखेड़ा गांव में अंतिम संस्कार नहीं करने को लेकर पूरा गांव अड़ा रहा। सामाजिक स्तर पर भी घटना का कड़ा प्रतिरोध हुआ। शनिवार को लगभग 2 बजे तक भाजपा नेता का शव रखा रहा। ग्रामीण आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। इस बीच दोपहर को पूर्व सीएम डॉ. सिंह, केंद्रीय मंत्री मांडवीय, सांसद संतोष पांडे, जिला भाजपा अध्यक्ष व मोहला-मानपुर विधानसभा के प्रत्याशी संजीव शाह शवयात्रा में शामिल होने पहुंचे।
बताया जा रहा है कि इस हत्या ने पूरे इलाके में राजनीतिक रूप से भाजपा और कांग्रेस को आमने-सामने ला दिया है। भाजपा खुलकर अपने नेताओं की सुरक्षा में दी जा रही ढील को लेकर सवाल उठाए हैं। पूर्व सीएम ने साफ तौर पर कहा कि टारगेट कीलिंग करते भाजपा नेताओं को मारा जा रहा है। यह शर्म की बात है कि प्रशासन सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहा है। पूरे मामले के पीछे एक राजनीतिक षडयंत्र की बू आ रही है। पूर्व सीएम ने कहा कि तारम की हत्या का हिसाब लिया जाएगा। यहां यह बता दें कि भाजपा के कुछ नेता अब भी नक्सलियों की हिटलिस्ट में है। पिछले दिनों राजू टांडिया नामक भाजपा नेता के मानपुर स्थित घर के बाहर नक्सल पर्चे फेंके थे। पुलिस अब भी इस मामले की जांच कर रही है।