राजनांदगांव

हिंदू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करने की मुहिम में जुड़े नेताओं से अलग विचार रखना पड़ा महंगा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 21 अक्टूबर। नक्सलग्रस्त मोहला-मानपुर इलाके में एक भाजपा नेता की कथित नक्सल हत्या के पीछे लंबे समय से इलाके में चल रहे मूर्ति पूजा विवाद एक असल वजह मानी जा रही है। नक्सलियों ने गुजरी रात को दूरस्थ इलाके औंधी से सटे सरखेड़ा गांव में भाजपा से जुड़े पूर्व मंडल महामंत्री बिरजू तारम की हत्या कर दी।
गोली मारकर भाजपा नेता की जान लेने की घटना से जुड़े अलग-अलग तथ्य सामने आ रहे हैं। प्रमुख रूप से आदिवासी समुदाय में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्ति पूजा और परंपरागत त्यौहार नहीं मनाने की मुहिम से तारम ने खुद को अलग कर लिया था। वह सभी धर्मों के सम्मान और आदर के हिमायती थे।
बताया जा रहा है कि औंधी से मानपुर के बीच हिन्दू धर्मों के अनुरूप धार्मिक कार्यक्रम और त्यौहारों को लेकर आदिवासी समुदाय में खींचतान चल रही है। जिसमें इस मुहिम के खिलाफ में बिरजू तारम मुखर थे। बताया जा रहा है कि उनके इस विरोध को लेकर अंदरूनी स्तर पर दबाव बनाया जा रहा था। कथित नक्सलियों ने इसी वजह से उनकी हत्या कर दी।
उधर मृतक के गांव में पुलिस से कुछ लोगों की संदिग्ध भूमिका होने पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते परिजनों और ग्रामीणों ने शव को पुलिस के हवाले करने से इन्कार कर दिया है। पोस्टमार्टम से पूर्व ग्रामीण कुछ जिम्मेदार लोगों पर सीधे कार्रवाई करने की मांग पर अड़े हुए हैं। यही वजह है कि घटना के बाद से भाजपा नेता का शव गांव में ही है।
इस संबंध में एसपी रत्ना सिंह ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया कि पुलिस अलग-अलग बिन्दुओं पर जांच कर रही है। शव को लाकर पोस्टमार्टम किया जाएगा। इलाके में जवान तैनात किए गए हैं। बताया जा रहा है कि चुनाव के दौरान हुए इस हत्या की वारदात पर पुलिस ने नक्सल के अलावा अन्य बिन्दुओं को भी जांच में लिया है। इधर भाजपा नेता के कत्ल की घटना से सियासी उबाल आ गया है। भाजपा की ओर से क्षेत्रीय नेताओं को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की जा रही है।