राजनांदगांव
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'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव, 10 अक्टूबर। प्रत्याशियों को लेकर भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। पहली सूची जारी होने के करीब दो माह बाद दूसरी सूची जारी कर पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। राजनंादगांव जिले की स्थिति टिकट को लेकर साफ हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राजनंादगांव विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
2008 से राजनांदगांव विधानसभा सीट पर डॉ. सिंह का कब्जा बरकरार है। बतौर मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने अब तक तीन बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया है। पूर्व मुख्यमंत्री के नाते राजनांदगांव से चुनाव लडऩे का यह पहला अवसर है। पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी करूणा शुक्ला ने डॉ. सिंह को कड़ी टक्कर दी थी। रमन लगभग 17 हजार वोट से जीतने में कामयाब हुए थे।
बताया जा रहा है कि डॉ. सिंह की टिकट को लेकर आलाकमान ने पेंच फंसाकर रखा था। स्थानीय भाजपा नेताओं ने रमन के विकल्प के तौर पर खुद को बेहतर प्रत्याशी मानकर टिकट की दावेदारी कर रहे थे। रमन के लिए यह चुनाव विपरीत परिस्थितियों में लडऩे वाला भी साबित हो सकता है। डोंगरगढ़ के पूर्व विधायक विनोद खांडेकर ने दो दशक बाद भाजपा की टिकट हासिल की है।
2008 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उनका पत्ता साफ कर दिया था। खांडेकर तेज तर्रार छवि के माने जाते हैं। टिकट कटने के बावजूद वह पार्टी की मुख्य धारा से जुड़े रहे। नतीजे के तौर पर उनके हाथ में पार्टी ने टिकट थमा दी है। बताया जा रहा है कि आरएसएस की सिफारिश से उन्हें पार्टी ने 20 साल बाद एक और मौका दिया है।
2003 से 2008 तक विधायक रहे खांडेकर की जीत से भाजपा का डोंगरगढ़ सीट से खाता खुला था। राजनीतिक मतभेद के चलते उन्हें टिकट से हाथ धोना पड़ा था। डोंगरगांव विधानसभा से जातिगत समीकरण के तहत भरत वर्मा को पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है।
भरत पूर्व जिला पंचायत रहे चुके हैं। वह भाजपा के जिलाध्यक्ष की कमान भी सम्हाल चुके हैं। डोंगरगांव में ओबीसी वोटों को साधने के लिए भाजपा ने लोधी समाज पर भरोसा जताया है। डोंगरगांव में पिछले कुछ वर्षों से जातिगत समीकरण के तहत ही राजनीतिक दल प्रत्याशी उतार रहे हैं। राजनीतिक तौर पर भाजपा की इस सीट पर साख दांव पर लगी है। वजह यह है कि पिछले 10 साल से पार्टी को करारी शिकस्त झेलनी पड़ रही है। रमन सरकार के तीसरे कार्यकाल में कांग्रेस ने भाजपा से सीट हथिया ली थी। अविभाजित राजनांदगांव जिले की सभी छह सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में झोंक दिया है। पार्टी को उम्मीद है कि सभी चेहरे जीत के लायक हैं।