राजनांदगांव
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औंधी से लेकर मानपुर ब्लॉक चमाचम बंद
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
राजनांदगांव-मानपुर, 4 अक्टूबर। मानपुर में सरकारी दफ्तरों की मांग के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिला निर्माण के एक साल पूर्ण होने के बावजूद एक भी सरकारी दफ्तर नहीं खोले जाने से खफा वनांचल के बाशिंदों ने लगातार दूसरे दिन चक्काजाम कर अपना व्यापक विरोध जताया। मानपुर ब्लॉक के लगभग 170 गांव प्रशासन के रवैये को लेकर एकजुट हो गए हैं। औंधी से लेकर खडग़ांव समेत ब्लॉक के बड़े कस्बों के लोग चक्काजाम में शामिल हैं। राजनीतिक-गैर राजनीतिक स्तर पर दफ्तर खोलने की मांग पर सभी वर्ग दमदारी से प्रशासन के खिलाफ एक हो गए हैं। ऐसी स्थिति में नवगठित जिले एमएमसी प्रशासन को व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार के बाद बुधवार को भी जबर्दस्त तरीके से प्रशासन विरोधी प्रदर्शन के साथ चक्काजाम किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार नया जिला बनने के बाद मानपुर में नए दफ्तरों को खोलने की मांग को लेकर मंगलवार को ब्लॉक मुख्यालय के तीन स्थानों पर चक्काजाम किया गया। सरकारी कार्यालयों की मांग को लेकर शुरू हुआ आंदोलन चक्काजाम में बदल गया है। मंगलवार सुबह 8 बजे से मानपुर सहित आसपास के 170 गांव के लोग चक्काजाम में बैठ गए हैं। इससे नेशनल हाईवे में आवाजाही बंद हो गई है। मोहला मार्ग पर पेट्रोल पंप के पास, कोहका रोड पर तहसील कार्यालय और खडग़ांव मार्ग पर अस्पताल के सामने लोग दिनभर बैठे रहे। मंगलवार देर शाम विधायक इंद्रशाह मंडावी भी पहुंचे। उन्होंने सीएम से दो दिन में बात कर नतीजा निकालने की बात कही, लेकिन लिखित में आदेश आने पर ही ग्रामीण हटने की बात कहकर अड़े रहे। इधर बुधवार को भी आंदोलनकारी मानपुर में 9 सरकारी कार्यालयों की मांग कर रहे हैं। इसी मांग को लेकर बीते दिनों मानपुर बंद किया गया था। इसके बाद अनिश्चित कालीन चक्काजाम शुरू किया है। ग्रामीणों का कहना है कि मांग पूरी होने तक नेशनल हाईवे में चक्काजाम जारी रहेगा।
इधर मंगलवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में जवानों को तैनात किया गया था, जिन्होंने हाईवे से हटने की समझाइश भी दी, लेकिन ग्रामीण पेड़ों की टहनियां काटकर सड़क पर फैला दिया और सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। दोपहर बाद डिप्टी कलेक्टर आंदोलनकारियों को समझाइश देने मौके पर पहुंची, लेकिन आंदोलन कर रहे लोगों ने कलेक्टर को मौके पर बुलाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जब तक सभी शासकीय कार्यालयों को मानपुर में स्थापित करने का लिखित आश्वासन नहीं मिलता, तब तक चक्काजाम खत्म नहीं किया जाएगा। इसके पहले मानपुर बंद के दौरान लोगों ने विधानसभा चुनाव के बहिष्कार का भी ऐलान किया था। इससे प्रशासन की परेशानी बढ़ गई है।
चक्काजाम से आवाजाही बंद
दफ्तर की मांग को लेकर चक्काजाम के चलते छग को महाराष्ट्र और आंध्रप्रदेश से जोडऩे वाला हाईवे पूरी तरह बंद हो गया है। यात्री वाहनों के अलावा बड़ी संख्या में माल वाहकों की आवाजाही इसी रास्ते से होती है, जो चक्काजाम की वजह से रूट पर ही खड़ी हो गई है। खासकर महाराष्ट्र से छग की ओर जाने वाली वाहनों की कतार लग गई है। इससे वाहन चालकों के साथ आम लोगों को भी परेशान होना पड़ रहा है।
गांव-गांव से पहुंचेगे धरना स्थल पर
सूत्रों का कहना है कि चक्काजाम के लिए मानपुर इलाके के 170 गांव में बैठकें हो चुकी है। ग्रामीणों को इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की जा रही है। इसका असर भी पहले दिन देखने को मिला। चक्काजाम में में ग्रामीणों के साथ महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल रही। अब अलग-अलग गांव के लोगों को रोजाना चक्काजाम स्थल में पहुंचने कहा गया है। रात के वक्त मानपुर के स्थानीय लोग धरनास्थल में रहेंगे। पूरे दिन गांव-गांव से यहां लोगों को बुलाया जाएगा।
नहीं हो सकी कार्यालयों की शुरूआत
नवगठित जिला एमएमसी का एक वर्ष पूर्ण होने के बावजूद यहां मोहला में ही अब तक जिला कार्यालय बना है। इसके अलावा किसी भी विभाग के जिला कार्यालय की शुरूआत नहीं हो सकी है। वहीं सड़कों की स्थिति भी पहले की ही तरह है। मानपुरवासियों की मांग है कि सभी जिला कार्यालय मानपुर में ही खोला जाएगा। ऐसा नहीं होने पर मानपुर को नए जिले से अलग कर पूर्व की तरह ब्लॉक ही रहने दिया जाए। देर शाम मौके पर कलेक्टर के आने का इंतजार रहा, लेकिन अफसर नहीं पहुंचे। इसके चलते चक्काजाम जारी है।