राजनांदगांव

महापौर के इशारे पर टेंडर दबाए बैठे हैं अधिकारी, कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गया शहर - किशुन
05-Sep-2023 3:20 PM
महापौर के इशारे पर टेंडर दबाए बैठे हैं अधिकारी, कमीशनखोरी की भेंट चढ़ गया शहर - किशुन

ईई के दफ्तर में फर्श पर धरने में बैठे भाजपा पार्षद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 सितंबर।
नगर की बेहाल व्यवस्था को लेकर मोर्चा खोलते विपक्ष के भाजपा पार्षद सोमवार को नगर निगम पालिक के ईई रामटेके के दफ्तर में ही धरने पर बैठ गए। 
फर्श पर बैठे नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने कहा कि शासन से मिले करोड़ों रुपए के मद से नगर के वार्डों में मूलभूत कार्य होने हैं, लेकिन महीनों से निगम के अधिकारी महापौर के इशारे पर टेंडर दबाए बैठे हैं। विपक्ष के प्रदर्शन के बीच आनन-फानन में सोमवार को टेंडर खोलने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान भी पार्षद जमीन पर ही बैठकर डटे रहे। 

नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु के साथ पार्षद पारस वर्मा, विजय राय, मणिभास्कर गुप्ता, शरद सिन्हा, गप्पू सोनकर, मधु बेद, रानू जैन,गगन आइच,मोंटू यादव, आशीष डोंगरे, कमलेश बंधे, अरुण साहू, जीवन चतुर्वेदी, अरुण दामले, वरुण भास्कर प्रदर्शन करते हुए विरोध दर्ज कराने डटे रहे।

टेंडर खोलने में कमीशनखोरी का आरोप लगाते  नेता प्रतिपक्ष किशुन यदु ने कहा कि हम लगातार कई हफ्तों से जमा की गई निविदाओं को खोलने की मांग कर रहे थे। महीनों पहले आए टेंडर को अब तक दबाए रखा गया था। सप्ताह-दर-सप्ताह तारीखें दी जा रही थी और अधिकारी बहानेबाजी करते रहे। 4 सितंबर को जब विपक्ष का पार्षद दल यहां दोबारा पहुंचा तो वे फिर टालमटोल करने लगे। इस स्थिति में नगर की मूलभूत सुविधाओं के लिए हमने यहां धरने पर बैठने का निर्णय लिया। 

उन्होंने कहा कि महापौर हेमा देशमुख के कार्यकाल में नगर बदहाल हो चुका है। न पानी मिल रहा है और न ही अंधेरे से घिरी सडक़ों पर लाईट की व्यवस्था की जा रही है। सडक़ों में गड्ढे दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं, आवाजाही में लोगों को मुश्किलें हो रही हैं, लेकिन सारे काम ठप्प हैं। राज्य सरकार से फंड मिलने के बावजूद विकास कार्यों के मामले में शहर पिछड़ता जा रहा है और इसके पीछे की वजह है भ्रष्टाचार और मद की राशि में कमीशन की बंदरबांट। 

 


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