राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 23 फरवरी। जेसीसीजी जिलाध्यक्ष शमसुल आलम ने शर्तों के आधार पर बेरोजगारी भत्ते के वितरण को निराधार ठहराया है। जैसा कि हाल ही में छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने बेरोजगारी भत्ते के वितरण की बात कही थी, जिसे पहले ही चुनावी प्रलोभन का नाम विपक्ष दे चुका है।
जेसीसीजी जिलाध्यक्ष शमसुल आलम ने कहा कि जब चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार ने घोषणा पत्र जारी किया था, तब बेरोजगारी भत्ता वितरण में किसी भी प्रकार का काइटेरिया या आरक्षण नहीं बनाया था कि जिस घर के व्यक्ति सरकारी नौकरी या निजी किसी नौकरी में कार्यरत होंगे, उनको बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जाएगा, बल्कि सिर्फ बेरोजगारी भत्ता दिए जाने का वादा कर भूपेश सरकार सत्ता में आई थी, पर अब सत्ता के नशे में इस कदर चूर है कि न तो शराबबंदी हुई और जब अंतिम कुछ महीने चुनाव आने में बचे हैं तो बेरोजगारी भत्ते के नाम पर वोट लेना चाहते हैं। उसमें भी युवाओं को बेरोजगारी भत्ते में आरक्षण के नाम पर ठगा जा रहा है, जो पूरी तरीके से निराधार और वादाखिलाफी है।


