राजनांदगांव

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 28 मई। पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक कोर्ट राजनांदगांव ने आरोपी पति को 10 वर्ष का कारावास व 5 हजार की अर्थदंड की सजा सुनाई है।
धनेश्वरी यादव बिरेझर दुर्ग का विवाह वर्ष 2010 में रीति-रिवाज के साथ सिवनीखुर्द निवासी विनोद यादव के साथ हुआ था। विवाह उपरांत धनेश्वरी अपने ससुराल सिवनीखुर्द में रहती थी। दोनों के दांपत्य जीवन से एक लडक़ा एवं लडक़ी है।
पति के परिवार की एक महिला से अवैध संबंध, मारपीट और प्रताडऩा से तंग आकर धनेश्वरी ने 1 अक्टूबर 2019 को जहर का सेवन कर लिया, उसे जिला अस्पताल राजनांदगांव में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
अस्पताली मेमो के आधार पर मर्ग कायम कर प्रकरण जांच में लिया गया। गवाहों के कथन लेखबद्ध किए गए पर्याप्त सबूत पाए जाने पर थाना लालबाग द्वारा आरोपी विनोद यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत् एफआईआर दर्ज कर विवेचना कार्रवाई की गई।
आरोपी विनोद को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया तथा संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी के विरुद्ध अभियोग पत्र विचारण हेतु न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था।
मामले में अपर सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक कोर्ट राजनांदगांव पीठासीन न्यायाधीश अभिषेक शर्मा द्वारा विचारण उपरांत 27 मई 2022 को निर्णय घोषित कर आरोपी पति विनोद यादव 31 वर्ष निवासी सिवनीखुर्द राजनांदगांव को भारतीयदंड संहिता की धारा 306 के तहत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किए जाने का दंडादेश पारित किया गया। न्यायालय के समक्ष मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से आदित्य प्रकाश श्रीवास्तव, अतिरिक्त लोक अभियोजक फास्ट ट्रेक कोर्ट राजनंादगांव ने पैरवी की।