राजनांदगांव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव/बालोद, 27 मई। बालोद जिले के गुंडरदेही बंद के नाम हुए गुंडागर्दी और व्यापारियों से मारपीट मामले में चौतरफा निंदा होने लगा है। राजनीतिक दलों के अलग-अलग नेताओं द्वारा घटना को लेकर अपना बयान जारी कर रहे हैं। इस बीच जिला पंचायत बालोद के पूर्व सभापति अभिषेक शुक्ला ने गुंडरदेही की घटना की निंदा करते कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर त्वरित गिरफ्तारी की मांग की।
गुंडरदेही में बंद के दौरान घटित घटना की जितनी भी भत्र्सना की जाए कम है। गुंडरदेही के व्यापारियों व आम लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर दुकान में घुसकर उनके साथ मारपीट करना निंदनीय एवं शर्मनाक है। व्यापारी विभिन्न संगठनों के आह्वान पर अपनी प्रतिष्ठा बंद रखकर उनका सहयोग करता है, उसके बदले व्यापारियों के साथ मारपीट करना गलत है। बालोद जिला में सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ते जा रहा है, जो भविष्य में चिंता का विषय है। इसे समय रहते इस तरह के उपद्रवी लोगों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
श्री शुक्ला ने कहा कि सोंचनीय बात है कि बंद के आह्वान पर जिले की प्रशासनिक व्यवस्था क्या यही थी कि चौक-चौराहे पर प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी व कर्मचारी जिनकी ड्यूटी लगाई गई थी, सिर्फ मूकदर्शक बनकर खड़े रहे, उनके आंख के सामने इस तरह की घटना के बाद भी उनकी चुप्पी संदेह की ओर इशारा करता है। प्रशासन को लोगों की सुरक्षा के लिएतत्पर रहने के बजाय गुंडागर्दी करने वालों को प्रश्रय देना क्या मजबूरी थी, समझ से परे है या ये भी समझने का विषय है कि किनके आदेश पर सुरक्षा में लगे पुलिस अधिकारी हाथ में हाथ बांधे खड़े हुए थे। बालोद जिला में प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है। ऐसा लगता है कि इस तरह उपद्रव करने वालों में पुलिस का डर भाव खत्म हो गया है।