राजनांदगांव

राजनीतिक दलों की धडक़नें बढ़ी, प्रशासनिक तैयारियां पूरी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 5 मार्च। राजनांदगांव जिले के खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव की तारीख के जल्द ऐलान होने की संभावना से राजनीतिक दलों की धडक़नें तेज हो गई है। प्रशासनिक स्तर पर इस चुनाव को लेकर चल रही तैयारी को संकेत मानकर भाजपा-कांग्रेस से जुड़े दावेदार विधानसभा का दौरा कर रहे हैं। भाजपा-कांग्रेस से टिकट की उम्मीद लगाए पदाधिकारियों और कार्यकर्ता लगातार सामाजिक, गैर सामाजिक और धार्मिक कार्यक्रमों में पहुंचकर अपनी चुनाव लडऩे की महत्वाकांक्षा को जाहिर कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस की कब्जे वाली यह सीट देवव्रत सिंह के निधन से रिक्त हो गई है। नवंबर में देवव्रत सिंह का हृदयघात से निधन हो गया था। उनके मरणोपरांत उपचुनाव को लेकर पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ी है।
देवव्र्रत सिंह ने 2018 के विधानसभा चुनाव में कड़े मुकाबले में भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को लगभग 700 मतों से परास्त किया था। देवव्रत ने जनता कांग्रेस के बैनर तले चुनावी बाजी मारी थी। हालांकि जनता कांग्रेस के साथ देवव्रत का कांग्रेस की ओर झुकाव बढ़ा था और वह कांग्रेस सरकार के साथ अनौपचारिक रूप से जुड़े हुए थे। अचानक उनके निधन से खैरागढ़ विधानसभा में फिर से उपचुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग तैयारी कर रहा है।
नियमानुसार निधन के 6 माह के भीतर उपचुनाव कराए जाने का प्रावधान है। इसी के चलते अब चुनावी तारीख को लेकर अटकलें जोर पकड़ रही है। प्रशासनिक हल्के में चुनाव की घोषणा 10 मार्च के बाद किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
इधर भाजपा और कांग्रेस के दावेदारों के विधानसभा में हो रहे दौरे से चुनावी घोषणा की प्रारंभिक झलक जाहिर हो रही है। कांग्रेस से उत्तम सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं भाजपा से कोमल जंघेल, विक्रांत सिंह का नाम चर्चा में है। हालांकि कांग्रेस से गिरवर जंघेल को भी टिकट दिए जाने की चर्चा है, लेकिन उनकी पिछली हार उनके दावे को कमजोर कर रही है। पिछले चुनाव में गिरवर कांग्रेस प्रत्याशी रहते तीसरे नंबर पर रहे।
उधर चुनाव की आहट को देखते हुए खैरागढ़ विधानसभा में प्रशासन तैयारी कर रहा है। विधानसभा में मतदान केंद्र के लिए प्रशासन ने लगभग 290 मतदान केंद्रों को चिन्हांकित भी किया है। फिलहाल प्रशासन और राजनीतिक दलों को चुनाव तारीख की घोषणा का बेसब्री से इंतजार है।