रायपुर

संस्कृति की रक्षा और जनकल्याण में आर्य समाज की भूमिका अनुकरणीय-साय
20-Apr-2025 7:02 PM
 संस्कृति की रक्षा और जनकल्याण में आर्य समाज की भूमिका अनुकरणीय-साय

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 20 अप्रैल। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत आज डीडीयू ऑडिटोरियम में महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती और आर्य समाज के 150वें स्थापना वर्ष के शुभ अवसर पर आयोजित धर्मरक्षा महायज्ञ एवं वैदिक सनातन संस्कृति सम्मेलन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस दौरान धर्मरक्षा यज्ञ में हवन-पूजन कर प्रदेश कल्याण की कामना की। इस अवसर पर श्री साय और आचार्य देवव्रत ने छत्तीसगढ़ प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा तैयार पुस्तिका चुनौतियों का चिंतन का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभा को संबोधित करते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती का पुण्यस्मरण किया। उन्होंने कहा कि आर्य समाज को मानव कल्याण का कार्य करते हुए आज 150 वर्ष पूरे हो गए हैं। आर्य समाज के द्वारा निरंतर देश सेवा, धर्म-संस्कृति की रक्षा तथा जनजागरण का कार्य किया जा रहा है। श्री साय ने बताया कि वे महर्षि दयानंद के विचारों से प्रभावित होकर वर्ष 1999 से आर्य समाज से जुड़े हुए हैं और विभिन्न अवसरों पर समाज के मनीषियों का मार्गदर्शन उन्हें प्राप्त होता रहा है। आर्य समाज महर्षि दयानंद के विचारों को आगे बढ़ाते हुए संस्कार और शिक्षा का पुनीत कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री जी प्राकृतिक खेती और देशी नस्ल की गायों के उपयोग को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दे रहे हैं। प्रदेश सरकार निश्चित रूप से इस दिशा में अपने प्रयासों को और अधिक गति देगी।

 आचार्य देवव्रत ने महर्षि दयानंद सरस्वती को नमन करते हुए कहा कि उनके जीवन-मूल्यों और विचारों को आत्मसात करने से शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक उन्नति का संकल्प पूरा होगा।

इस अवसर पर योग आयोग के अध्यक्ष  रूप नारायण सिन्हा, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष  विशेषर पटेल, स्वामी धर्मानंद सरस्वती महाराज,  सुरेश जी, कैप्टन रुद्रसेन, विनय आर्य, डॉ. राजेंद्र विद्या अलंकार,  प्रबल प्रताप जूदेव, आर्य समाज के रामकुमार पटेल सहित आर्यवीर और आर्य समाज के अनुयायी उपस्थित थे।

आदिवासी ही सबसे बड़ा हिंदू-साय

इस मौके पर पत्रकारों से संक्षिप्त चर्चा में सीएम ने कहा कि सनातन धर्म का ध्वजवाहक है आदिवासी समाज। हम सभी को विधर्मियों से हमेशा सचेत रहने की जरूरत है। ये ही लोग आदिवासियों को बहलाने,धर्मांतरण  का काम कर रहे हैं। वे यह कह रहे हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं है,जबकि आदिवासी ही सबसे बड़ा हिंदू हैं। सरकार धर्मांतरण रोकने काम कर रही है।


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