रायपुर

डेका की विधिक सलाहकारों से रायशुमारी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 15 अप्रैल। लंबित विधेयकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजे फैसले के प्रकाश में राजभवन में हलचल देखी जा रही है। राज्यपाल रमेन डेका दो दिन से अपने विधिक सलाहकार (एलए) के साथ चर्चा कर रहे हैं । बताया गया है कि डेका ने एलए से इस पर अंतिम अभिमत मांगा है । इस पर अगली कार्रवाई 20 अप्रैल के बाद होने के संकेत हैं ।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले सप्ताह तमिलनाडु सरकार की याचिका पर वहां के राज्यपाल के द्वारा रोके गए विधेयकों को मंजूर और कानून मान लिए जाने का फैसला दिया था। इस सुप्रीम फैसले पर अन्य राज्यों में भी गैर भाजपा सरकार के पारित विधेयकों पर भी ऐसी ही स्थिति बनने की उम्मीद बढ़ गई है। तो इसे लेकर राजभ वनों में हलचल देखी जा रही है। छत्तीसगढ़ में भी बीते बीस वर्षों में पारित व लंबित विधेयकों के भी पन्ने पलटे जाने लगे हैं। खासकर बघेल सरकार के द्वारा पारित विधेयकों पर कांग्रेस राज्यपाल से मंजूर करने की मांग कर रही है। बघेल सरकार के पारित अजा जजा ओबीसी आरक्षण संशोधन विधेयक, तीन कृषि कानून संशोधन विधेयक राजभवन में लंबित हैं। उससे पहले रमन सरकार में पारित धर्म स्वातंत्र्य संशोधन विधेयक समेत कुल 9 विधेयक राजभवन की सेल्फ (आलमारी) में बंद हैं। बीते दो दिनों में डेका ने विधिक सलाहकार से इस पर रायशुमारी की। राजभवन विधि विभाग से चर्चा कर अंतिम निर्णय लेगा।
आगे क्या- राज्यपाल, कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए इस विधेयक सरकार को पुनर्विचार के लिए वापस कर सकते हैं । और उसके बाद सरकार चाहे तो संशोधन कर पुन: पारित कराएगी या रद्द कर सकती है। राष्ट्रपति भवन में लंबित विधेयक पर निर्णय के लिए राज्यपाल (मंजूर,नामंजूर वापसी के लिए )आग्रह कर सकते हैं। दलीय स्थिति को देखते हुए कांग्रेस शासन में पारित विधेयक मंजूर न कर वापस भेजे जा सकते हैं ।