रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। प्रदेश में चढ़ते पारे को देखते हुए स्कूलों की समयावधि बदल दी गई है। और 1 मई से ग्रीष्मकालीन छुट्टियां भी दे दी गई हहैं।लेकिन कॉलेज और विश्वविद्यालयों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। उच्च शिक्षा विभाग ने अब तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
अगले तीन दिनों बाद सूरज की तपिश सिर चढऩे जा रही है। ऐसे में पारा 45 डिग्री पार तक अपने चरम पर जाने के संकेत हैं। जो हर किसी के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसे देखते हुए प्रशासन ने हीट वेव का अलर्ट भी जारी किया हुआ है । इसके बावजूद उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक, और स्नातकोत्तर कक्षाओं के समय को लेकर कोई बदलाव नहीं किया है। कॉलेजों में इस समय एनईपी के तहत द्वितीय सेमेस्टर की कक्षाएं चल रहीं है। और अगले माह से जब गर्मी 43-45 डिग्री के चरम पर पहुंचेगी तब सेकंड सेमेस्टर की परीक्षाएं भी होंगी। यानी बच्चे सैध्दांतिक परीक्षा के साथ शारीरिक परीक्षा से भी गुजरेंगे। मौसम विभाग के सामान्य से तीक्ष्ण ग्रीष्मकाल के पूर्वानुमान और हर रोज की ऐसी ही भविष्यवाणी के बाद भी शिक्षा विभाग ने कॉलेज ,विवि में ग्रीष्म अवकाश को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं किया है। एसी रूम में बैठने वाले प्राचार्य और प्राध्यापकों केलिए गर्मी बे असर हो सकती है। लेकिन कूलर ही नहीं पंखे विहीन क्लास रूम में पढ़ाई और फिर परीक्षाओं के आयोजन बच्चों की सेहत से खिलवाड़ होगा।
बीते वर्षों में अप्रैल के शुरूआत में ही घोषणा कर दी जाती रही है। पिछले वर्ष संसदीय चुनाव की वजह से छुट्टियां नहीं दी गई थीं। उच्च शिक्षा संस्थानों में सामान्य तौर पर 16 मई से 15 जून तक गर्मी की छुट्टी दी जाती है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान और बच्चों की सेहत को देखते हुए सेमेस्टर की परीक्षाएं 15 जून के बाद ली जा सकती हैं। और उसी दौरान नए सत्र की प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू होती ही है। अधिकारियों ने बताया 16 मई से अवकाश रहेगा, लेकिन प्रोफेसरों, प्राचार्यों के मुख्यालय छोडऩे पर अपने वरिष्ठ अफसरों से अनुमति लेनी होगी।