रायपुर

सांसद का सीएम के स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र
पूर्व मंत्री भगत ने कहा-यह पत्र सरकार को चेतावनी जैसा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 8 अप्रैल। बर्खास्त बीएड शिक्षकों के समायोजन को लेकरसांसद बृजमोहन अग्रवाल के पत्र को कांग्रेस ने हाथों हाथ लिया है। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने आज कहा कि पत्र से स्पष्ट है कि भाजपा में अंतर कलह है।यह पत्र सरकार को चेतावनी की तरह है। बृजमोहन अग्रवाल सरकार को चेतावनी दे रहे हैं । और पत्र से मंत्री पद से हटाए जाने का दर्द भी झलकता है।
इससे पहले अग्रवाल ने कल शाम सीएम विष्णु देव साय को लिखे एक पत्र में स्कूल शिक्षा विभाग को चेताया है कि बर्खास्त बीएड शिक्षकों का जीवन संकट में न पड़े। संविधान के अनुच्छेद 21 को उद्धृत करते हुए यह चेतावनी दी है। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद किसी सांसद ने पहली बार किसी विभाग को ऐसी कड़ी चेतावनी दी है। अग्रवाल ने इन शिक्षकों को प्रयोगशाला सहायक से पद पर समायोजित करने कहा है ।
सीएम को ही पूर्व में लिखे अपने दो पत्रों के हवाले से अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों के स्कूलों में शासकीय सेवा कर रहे लगभग 2621 शिक्षकों को 16 माह की नौकरी करने के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। नौकरी से बर्खास्त किए गए सभी बीएड योग्यताधारी सहायक शिक्षक मध्यम वर्गीय, बीपीएल परिवार के ही बच्चे है। नौकरी से निकालने के बाद इन सबका भविष्य दांव पर लगा हुआ है। रोजगार छिनने से परिवार पर रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। निकाले गए सभी सहायक शिक्षक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहे थे। शासकीय नौकरी मिल जाने के कारण इन सबने अपनी तैयारी छोड़ दी और अब नौकरी से बर्खास्त भी हो गए है।
तकनीकी त्रुटि के कारण शासकीय नौकरी से बर्खास्त किए गए इन युवाओं के परिवारों को भारी संकट से गुजरना पड़ रहा है और इन परिवारों के समक्ष जीवन-मरण का प्रश्न उपस्थित हो चुका है। नौकरी से निकाले गए सहायक शिक्षक लगातार शिक्षा विभाग मे सहायक शिक्षक के समकक्ष पदों पर समायोजित करने के लिए लंबे समय से आंदोलनरत् है।
अग्रवाल ने कहा कि शासन, प्रशासन एवं सरकार में बैठे जनप्रतिनिधियों ने भी समय-समय पर इनके प्रकरण पर इन्हें गंभीरता पूर्वक विचार करने व समायोजित करने का आश्वासन भी दिया है, उसके उपरांत भी इस विषय पर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। संविधान के अनुच्छेद-21, राज्य सरकार को दायित्व सौंपता है कि राज्य में किसी भी व्यक्ति का जीवन संकट में नहीं पडऩा चाहिए। 2621 बीएड डिग्रीधारी नियमित सहायक शिक्षकों को बर्खास्त कर देने से इनके परिवारों का जीवन संकट में पड़ गया है। प्रदेश में मिडिल एवं हाई स्कूलों में प्रयोगशाला सहायक के पद बड़ी संख्या में रिक्त है। इन रिक्त समकक्ष पदों पर बर्खास्त शिक्षकों को योग्यतानुसार समायोजित किया जा सकता है।