रायपुर

हावड़ा-मुंबई के लिए वैकल्पिक दूसरी लाइन होगी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 7 अप्रैल। केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले सप्ताह छत्तीसगढ़ के खरसिया से परमालकसा स्टेशन तक नया रायपुर होते हुए 278 रूट किलोमीटर की नई डबल रेललाइन परियोजना स्वीकृत की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू के साथ सोमवार दोपहर दिल्ली से वर्चुअल पत्रकारवार्ता में छत्तीसगढ़ के मीडिया को विस्तृत जानकारी देंगे। इस वर्चुअल पत्रकार वार्ता में सीएम विष्णु देव साय, प्रदेश के सभी सांसद, और विधायक भी अपने-अपने जिलों से जुड़।
उन्होंने बताया कि यह रेल लाइन सौ वर्ष से अधिक पुरानी वर्तमान हावड़ा-मुंबई रेल लाइन का विकल्प भी होगी। और छत्तीसगढ़ के भीतर दूसरी अहम रेल लाइन होगी। यह रेल लाइन बिलासपुर रायपुर, दुर्ग, नांदगांव के बाहरी इलाके से क्रास कर गुजरेगी। यह एक तरह से डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनेगा। वैष्णव ने बताया पांच रेल फ्लाईओवर होंगे। यानी एक पटरी जमीन पर और उसके ऊपर दूसरी लाइन बिछाई जाएगी। इस योजना की मुख्य बातें इस तरह से है।
कुल लंबाई-278 किमी लंबा रेलमार्ग, 615 किमी ट्रैक की लंबाई। स्टेशनों की संख्या-21। पुल और फ्लाईओवर: 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, 5 रेल फ्लाईओवर। ट्रैफिक क्षमता- 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें।
परियोजना का कुल बजट
खरसिया से परमलकसा तक 5वीं और 6वीं नई रेल लाइन बिछाने के लिए 8,741 करोड़ रूपए खर्च होंगे।
ईंधन और पर्यावरण संरक्षण
22 करोड़ लीटर डीजल की बचत प्रतिवर्ष। 113 करोड़ किग्रा सीओ-2 की। कटौती- यह लगभग 4.5 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है। लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी- सडक़ परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष 2,520 करोड़ की बचत।
इन जिलों को होगा फायदा
इस रेलवे परियोजना से राज्य के रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जिलों में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तीव्र गति आएगी। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता और ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देगी।
परिवहन क्षेत्र में बड़ा सुधार
यह परियोजना बलौदा बाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सीमेंट संयंत्रों, इस्पात इकाइयों और अन्य औद्योगिक निवेश के लिए आधारभूत संरचना तैयार होगी। यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी सामग्रियों के परिवहन में क्रांतिकारी सुधार लाएगा। इससे माल ढुलाई की लागत घटेगी, संचालन की गति बढ़ेगी और उद्योगों को निर्बाध सप्लाई चेन मिलेगी।