रायगढ़
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 6 अप्रैल। भारतीय जनता पार्टी का मूल श्यामाप्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में निर्मित भारतीय जनसंघ है। 1977 में आपातकाल की समाप्ति के बाद जनता पार्टी के निर्माण हेतु जनसंघ अन्य दलों के साथ विलय हो गया।
भाजपा के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई एवं श्रद्धेय लाल कृष्ण आडवाणी है। 1984 के दौरान गुजरात के मेहसाना में एके पटेल एवं आंध्रा प्रदेश के हनाम खोड़ा में चंदू पटिया रेड्डी दो सांसदों ने प्रवेश किया आज यह पहला मौका है जब केंद्र में पहली बार कोई गैर कांग्रेसी सरकार पूर्ण बहुमत से दोबारा सत्ता में आई है। यह मोदी मैजिक ही है जिसके जरिए बीजेपी 2 से 303 सीटों तक पहुंच गई। लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी को मिला प्रचंड बहुमत इस बात कहा सबूत है कि बीजेपी अब लोगों की पहली पसंद है। करीब 15 से अधिक राज्यों में बीजेपी को 50 फीसद से अधिक वोट मिले। बीजेपी को यहां तक पहुंचने में कई उतार चढ़ाव देखने पड़े। 1984 में जब इंदिरा गांधी की हत्या की वजह से देश में सहानुभूति की लहर चल रही थी तो उसमें बीजेपी के दो नेता संसद पहुंच पाए थे। तब कांग्रेस ने उनका और पार्टी का मजाक उड़ाया था। पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता के शीर्ष पर सबसे ज्यादा सीटें लेकर बैठने वाली बीजेपी को पूर्ण बहुमत तक का सफर तय करने में 30 साल लग गए। इस सफर में कार्यकर्ताओं की पीढिय़ां खप गई।
1977 में जनसंघ का जनता पार्टी में विलय हो गया। दो साल बाद जनता पार्टी के टूटने के बाद 1980 में बीजेपी की नींव रखी गई। बीजेपी ने 1984 में अपना पहला चुनाव लड़ा और 2 सीटों पर जीत हासिल की। पांच साल बाद 1989 के चुनाव में बीजेपी 2 सीट से 86 पर पहुंच गई। 1991 में दोबारा चुनाव हुए और बीजेपी की सीटें बढक़र 120 यानी 22 हो गईं। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को लेकर लाल कृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को रथ यात्रा निकली थी। मौजूदा प्रधान मंत्री मोदी ने कश्मीर के लाल चौक में झंडा फहरा कर यह संकेत दिया कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है। पूर्ण बहुमत के आने के पहले भाजपा ने अपने वर्षों पुराने वादों को पूरा किया जिनमें धारा 370 की समाप्ति एवं राम मंदिर का निर्माण शामिल है। मोदी के नेतृत्व में आज देश का विश्व में सम्मान बढ़ा है।


