रायगढ़
आदिवासी को आबंटित भूमि को बलात कब्जाने का मामला
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 19 फरवरी। चक्रधर नगर क्षेत्र अंतर्गत ईडन गार्डन के सामने स्थित आदिवासी को आबंटित भूमि को बलात कब्जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में यह जानकारी सामने आई है कि जमीन पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में जबरदस्त विवाद भी हुआ है। जिसमें जमीन कारोबारी का समर्थन प्राप्त एक पक्ष ने दूसरे के विरुद्ध थाना चक्रधर नगर में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है।
स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जिस विवादित आदिवासी जमीन पर एक जमीन कारोबारी दीपक इक्का को खुद तहसीलदार रायगढ़ ने खड़े होकर कब्जा दिलाया है। वह जमीन पूर्व में आदिवासी किसान शिव कुमार दाऊ पिता भभूत सिंह जाति गोंड को शासन से मिली आबंटित भूमि रही है। जिसका पंजीयन बिना कलेक्टर के आवश्यक अनुमति के भाजपा के तत्कालीन कद्दावर आदिवासी नेता श्रीकांत सोमावार ने अपने नाम वर्ष 1995 में करा लिया था।
इसके बाद कालांतर में सोमावार ने इस आबंटित भूमि को पुन: बिना कलेक्टर अनुमति के जमीन कारोबारी दीपक इक्का को बेच दी थी। अब इस भूमि को इसी विवादित जमीन कारोबारी दीपक इक्का और उसके पार्टनर ने अवैध कालोनी काटकर कई टुकड़े में बेचने की जुगत लगाई है। यह बात तब सामने आई जब उक्त भूमि पर कब्जे को लेकर दो पक्षों में विवाद बढ़ा।
दीपक और उसके पार्टनर को तहसीलदार लोमस मिरी ने जिस आबंटित आदिवासी जमीन पर शुक्रवार के दिन दल बल सहित कब्जा दिलाने का प्रयास किया, उसे लेकर लोगों का कहना है कि उस भूमि का बड़ा हिस्सा सरकारी रिकार्ड में सडक़ मद से दर्ज है। साथ ही शासन से प्राप्त आबंटित भूमि होने के बावजूद राजस्व विभाग ने भूमि का अवैध ढंग से डायवर्सन भी कर दिया है। उन्होंने जमीन के रिकार्ड की कुछ प्रतिलिपियां मीडिया के समक्ष प्रस्तुत की है कि ईडन गार्डन के सामने जिस विवादित जमीन पर प्रशासन द्वारा कब्जा दिलाया जा रहा है उसमे कोई बड़ा झोल झाल है।


