रायगढ़
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
रायगढ़, 30 दिसंबर। रायगढ़ के हृदय स्थल पर स्थापित कमला नेहरू उद्यान रखरखाव के अभाव में अपनी आभा होता जा रहा है। उसके पैदल पाथवे उखडऩे लगे हैं, पेड़ पौधे और घास सूखने लगी हैं, वहां लगे हुए ओपन जिम के सामान टूटने लगे हैं। वहां पर चलने वाली बच्चों की ट्रेन बंद हो चुकी है और वह ट्रेन प्रसाधन कक्ष के पीछे फेंक दी गई है।
प्रसाधन कक्ष का हाल भी बहुत बुरा है यहां पर ना तो कभी साफ सफाई होती है, और ना ही पानी की कोई व्यवस्था है। वृक्षों से जो पत्ते झड़ते हैं उसे भी नहीं उठाया जाता पूरे पार्क में लगे हुए लोहे के सभी झूले अथवा अन्य सामान अपनी रंगत खो चुके हैं। रेल्वे लाइन और पार्क के बीच इतना कचरा है कि अब वहां सड़ांध आने लगी है। यहां पर पर्याप्त रोशनी नहीं है। यदि हम एक लाइन में कहें तो यह सुंदर पार्क अब उजडऩे की कगार पर है। लेकिन निगम की वसूली बिना किसी रसीद के निरंतर चालू है।
शाम के समय बकायदा निगम द्वारा नियुक्त एक महिला लोगों से बिना रसीद के अंदर जाने की का शुल्क वसूल करती है इसका हिसाब कैसे होता है, और कितना पैसा निगम के खाते में जाता है। इसकी भी कोई जानकारी किसी के पास नहीं है। पार्क के बाहर अतिक्रमण अपने चरम पर है पहले तो लोग फुटपाथ पर ही बैठते थे, और अपने सामान बेचते थे परंतु अब वे सड़क पर आ जाते हैं और इतनी भीड़ मुख्य द्वार के सामने लगा देते हैं कि आप बिना किसी से टकराए अंदर जा ही नहीं पाएंगे।
यह एक ही पार्क रायगढ़ के तमाम प्रकृति प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र है लोग यहां मॉर्निंग वॉक और इवनिंग वॉक के लिए आते हैं, परंतु अब उनमें भी निराशा झलकने लगी है। रायगढ़ व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजेंद्र अग्रवाल और हीरा मोटवानी ने रायगढ़ प्रशासन से मांग करते हुए कहा है कि रायगढ़ की इस अनमोल धरोहर को बर्बाद होने से बचाया जाए। पर्यावरण के प्रति सजग रहने वाले नागरिक इस ओर ध्यान दें और अपने अपने स्तर पर जनप्रतिनिधियों को उद्यान भ्रमण के लिए अवश्य कहें।
सभी जनप्रतिनिधियों ने रायगढ़ जिलाधीश, रायगढ़ निगम आयुक्त से आग्रह कि वे एक बार उद्यान का अवलोकन अवश्य करें। और इसके रखरखाव एवं साफ सफाई के लिए या तो अपने बजट से खर्च करें। किसी उद्योग के सीएसआर बजट से इस पर खर्च करवाएं ताकि यह सुंदर धरोहर रायगढ़ के लोगों को इस प्रदूषित पर्यावरण, उड़ती हुई धूल और कालिख के दौर में सुकून दे सके।


