रायगढ़

खाई में गिरी कार, महिला सरपंच सहित परिवार के 4 की मौत
30-Dec-2022 2:10 PM
खाई में गिरी कार, महिला सरपंच सहित परिवार के 4 की मौत

  • 15 साल की किशोरी बची, जांच शुरू
  • परिवार पर था कर्ज, मिल रही थी धमकियां
  • मंदिर दर्शन करने गए ओडिशा के भटली गए थे
  • सारंगढ़ मार्ग के गुडेली-टिमरलगा इलाके की घटना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
सारंगढ़/रायगढ़,30 दिसंबर।
बीती रात रायगढ़ व सारंगढ़ जिले के बीच चलती कार खाई में गिर जाने के चलते  महिला सरपंच सहित उसके पति, सास, ससुर की डूबने से मौत हो गई, वहीं 15 साल की किशोरी मौत के मुंह से वापस आ गई। गुरूवार की देर रात घटी इस घटना को लेकर सारंगढ़ पुलिस की टीम घटना स्थल पहुंचकर गहरी खाई से कार को निकालकर शवों को बरामद कर लिया है।  किशोरी के बयान के आधार पर पुलिस जांच में जुट गई है। चर्चा है कि कर्ज के चलते परिवार को धमकियां भी मिल रही थी, इसी कारण यह मामला जल समाधि का भी हो सकता है।

रायगढ़-सारंगढ़ मार्ग के गुडेली-टिमरलगा इलाके में गिट्टी खदान की गहरी खाई चार लोगों की मौत का कारण बन गई। बताया जा रहा है कि टिमरलगा निवासी महेंद्र पटेल अपनी सरपंच पत्नी मीनू पटेल, माता-पिता एवं 15 साल की बेटी के साथ मंदिर दर्शन करने गए ओडिशा के भटली गए थे। कल रात वापसी के दौरान करीब 11:30 बजे कार रिवर्स करने के दौरान अनियंत्रित होकर पानी से भरे पत्थर खदान में कार जा गिर गयी। कार गहरी पत्थर खदान में गिरने से 15 साल की बच्ची ने जैसे-तैसे कार के कांच से निकलकर अपनी जान बचाई, लेकिन बाकी चारों की जल समाधि बन गई।

जानकारी मिलते ही सारंगढ़ पुलिस अधीक्षक अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे और सुबह करीब 12 बजे तक 80 फीट गहरी खाई से कार को क्रेन से निकालकर महिला सरपंच मीनू पटेल व उसके पति महेन्द्र पटेल के साथ-साथ सास, ससुर के शवों को बरामद किया है।
सारंगढ़ जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महेश्वर नाग का कहना है कि बच्ची के बयान के आधार पर यह घटना को कार को रिव्हर्स करने के दौरान घटी, चूंकि अंधेरे के चलते कार चला रहे महेन्द्र पटेल को पीछे खाई का एहसास नहीं था और रिव्हर्स करते समय कार गहरी खाई में समा गई, जिससे चार की मौत हो गई और बच्ची कार का कांच खोलकर जैसे तैसे बाहर आ गई।

कर्ज के चलते ले ली परिवार सहित जल समाधि
महेन्द्र पटेल व उसकी सरपंच पत्नी मीनू पटेल सहित माता-पिता की मौत के बाद गुड़ेली टिमरलगा इलाके में इस बात को लेकर जमकर चर्चा है कि बीते कई महीनों से महेन्द्र पटेल कर्ज में डूबने के चलते परेशान था और रायगढ़ के के्रशर व्यवसायी सहित अन्य लोगों से मोटी रकम ले चुका था और उसे वापस नहीं देने पर धमकियां मिल रही थी। इसी बात से परेशान महेन्द्र पटेल ने अपने परिवार सहित कार में निकला और अपने गांव के पास ही क्रेशर खदान की गहरी खाई में कार को घुसा दिया जिससे 15 साल की बच्ची तो बच गई लेकिन महेन्द्र सहित उसके माता-पिता व सरपंच पत्नी मीनू पटेल की मौत हो गई।

इस कथित जल समाधि के मामले में पुलिस ने अभी तक पुष्टि नहीं की है, लेकिन मौके पर पहुंचे लोग व परिवार के लोगों ने भी बड़े कर्ज के चलते इस घटना से जोड़ते हुए बताया है कि महेन्द्र ने यह बड़ा कदम कर्ज के चलते ही उठाया है।

 


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