रायगढ़

महिला को 10 साल की सजा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 22 जुलाई। रायगढ़ जिला सत्र न्यायालय ने महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी ने नाबालिग को ब्लैकमेल करते हुए 10 हजार रुपए की मांग की थी, जिससे आहत होकर नाबालिग लडक़ी ने आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद कोतवाली पुलिस ने रुकनी बरेठ को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में महिला को आरोपी बनाया था। प्रकरण के करीब 3 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया है।
इस संबंध में लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने बताया कि विशेष न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन की कोर्ट ने महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। महिला कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत शासकीय स्कूल में सफाई कर्मी का काम करती थी, जहां मृतिका पढ़ाई कर रही थी। वर्ष 2019 में स्कूल के बच्चों को खेलकूद के लिए राजनांदगांव ले गए थे, 4 दिन से टूर्नामेंट के बाद जब सभी वहां से वापस लौट रहे थे तो आरोपिया ने लडक़ी को कहा कि मैंने तुमको किसी लडक़े से फोन से बात करते हुए देखा था. अगर तुम मुझे 10 हजार रुपए नहीं दोगी तो यह बात मैं तुम्हारे परिवार और सारे परिचय के लोगों को बता कर बदनाम कर दूंगी।
आरोपी महिला द्वारा ब्लैकमेलिंग और बदनामी के डर से आहत होकर लडक़ी ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए महिला को आरोपी पाया और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
रायगढ़ जिला सत्र न्यायालय में मामले की सुनवाई हुई। इसके बी बीते बुधवार को जिला सत्र न्यायालय ने महिला का दोष सिद्ध पाते हुए आरोपी को आत्महत्या के दुष्प्रेरण के लिए 10 वर्ष की सजा और एससी एसटी एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाया है।