रायगढ़

कहा- बिजली आपूर्ति ठप्प होने से 42 उद्योग तालाबंदी की कगार पर
कंपनी प्रबंधन के अफसरों पर मढ़ा मनमानी का आरोप
रायगढ़, 12 जुलाई। उद्योगपति स्व. ओपी जिंदल की प्रेरणा से पूंजीपथरा में स्थापित ओपी जिंदल इंडिस्ट्रीयल पार्क के उद्योगपतियों व जिंदल के बीच विद्युत आपूर्ति को लेकर चल रही तकरार खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से अब भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी मामले में सोमवार को इस्पात संघ की ओर से रखी गई प्रेसवार्ता के दौरान संघ के राकेश अग्रवाल ने कहा कि जिस तरह बाला साहब के सपनों को उनके पुत्र उद्धव ने चकनाचूर कर दिया, उसी तर्ज पर उद्योगपति नवीन जिंदल अपने पिता के सपनों को पलीता लगाने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि स्व. ओपी जिंदल की प्रेरणा से ही जिले के तीन दर्जन से भी अधिक व्यापारियों ने जिंदल औद्योगिक पार्क में अपने उद्योग लगाए थे, मगर वर्तमान में इन उद्योगों को तालाबंदी के कगार पर लाने में नवीन जिंदल की उदासीनता अहम भूमिका निभा रही है। नवीन जिंदल ने स्थानीय उद्योगपतियों को आ रही समस्याओं से आंखें मूंद रखी है। हमने कई बार उनसे मिलने या संपर्क का प्रयास किया मगर कंपनी प्रबंधन के अफसर हमें मिलने ही नहीं देते।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्पात उद्योग संघ के अमित अग्रवाल ने आरोप लगाया कि उनका विरोध प्रदर्शन जिंदल समूह के खिलाफ शांतिपूर्वक जारी है, लेकिन जिंदल के निजी सुरक्षा गार्ड सादे कपड़े में आकर बलात लोगों और कर्मियों को हटा रहे हैं। जिस तरह से हाईकोर्ट में जिंदल प्रंबधन की ओर से झूठा बयान दिया गया कि वह हमें 70-80 फीसदी बिजली दे रहे हैं जबकि वह हमें बिजली दे ही नहीं रहा है। वह हमारे हिस्से की बिजली को दूसरी जगह बेच रहा है। कुल मिलाकर हमें बर्बाद करने की जिंदल ने ठान ली है।
संघ के निखिल अग्रवाल ने बताया कि 2003 में स्थापित ओपी जिंदल औद्योगिक पार्क में जिले के व्यापारियों ने उद्योग स्थापित किए। स्थानीय लोगों को स्थानीय उद्योगपतियों द्वारा आजीविका के लिए यह बेहतर कदम था। लेकिन जिंदल प्रबंधन द्वारा हर बार बिजली की दरों को लेकर उद्योग संघ को प्रताडि़त किया जा रहा है। बिजली की दर करने का अधिकार नियामक बोर्ड का है लेकिन जिंदल प्रबंधन ने मनमानी करते हुए दर को बढ़ा दिया है। रेट तय के लिए जिंदल नियामक के पास सही जानकरी नहीं दे रहा है, जिससे बिजली की दर तय हो सके। यह जान-बूझकर हमें परेशान करने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है। बिजली आपूर्ति नहीं होने से कई मशीनें खराब हो गई हैं और उत्पादन ठप है। जिससे यहां कार्य करने वाले करीब 10,000 लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है।
इस्पात उद्योग संघ के योगेश अग्रवाल कहते हैं कि बीते दो महीने से उन्होंने बैकों का न तो ब्याज पटाया है और न ही किश्त, स्थिति ऐसी रही तो अगले महीने वह एनपीए (अलाभकारी आस्तियां) घोषित हो जाएंगे। उनके साथ तीन-चार उद्योगपतियों की भी ऐसी ही स्थिति है। बकौल योगेश 5 मार्च 2022 से बिजली कटौती 50 प्रतिशत फिर उसके बाद 70 प्रतिशत और अब 80-82 प्रतिशत तक कटौती जिंदल समूह द्वारा किया जा रहा है। पूंजीपथरा औद्योगिक पार्क के 42 उद्योग सालाना 1500 करोड़ रूपये की जीएसटी अदा करते हैं। चार महीने से उत्पादन ठप होने से सरकार को करीब 500 करोड़ के जीएसटी का नुकसान हो चुका है।
रायगढ़ इस्पात उद्योग संघ ने प्रेसवार्ता में बताया कि जिले के दो दर्जन से अधिक संगठनों का समर्थन उन्हें मिला है। वह विरोध प्रदर्शन शांत तरीके से कर रहे हैं। विरोध की जगह भी ऐसी है कि इससे आमजन को परेशानी नहीं है। हम वह लोग हैं जो अपने उद्योग पर ताला लगाकर वहीं पर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फिर भी उनके द्वारा हमें कई तरीके से प्रताडि़त किया जा रहा है।