मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेंद्रगढ़, 6 नवंबर। मनेंद्रगढ़-चिरमिरी- भरतपुर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सिरौली में हनुमान मंदिर के निकट मेला लगता है, जो तीन दिनों तक चलेगा।
दक्षिणामुखी हनुमान मंदिर व कार्तिक पूर्णिमा के मेला के संबंध में जिला नोडल अधिकारी पर्यटन/संस्कृति विभाग व इतिहासकार डॉ. विनोद पांडेय बताते हैं कि किवदंती के अनुसार 1924-25 से पूर्व इस क्षेत्र में घनघोर जंगल था। स्थानीय गोवाहिको द्वारा यह ज्ञात हुआ कि जंगल के अंदर कोई प्रतिमा है, उस समय के गोटिया आदि के द्वारा तत्कालीन कोरिया नरेश रामानुज प्रताप सिंह को ज्ञात हुआ और वह अपने सेवकों के साथ इस जंगल में आए, तो यह ग्राम सिरौली ज्ञात हुआ उन्होंने विशाल वृक्षों को कटवाकर तथा हनुमान जी की प्रतिमा को खुदवाकर अपनी राजधानी बैकुंठपुर ले जाने का उन्होंने प्रयास किया, काफी गहराई तक खुदवाने के बाद भी हनुमान जी की प्रतिमा का दाहिना पैर का पता नहीं चला इससे नरेश हताश होकर धरती के गर्भ में अनंत गहराई में स्थित इस प्रतिमा के बारे में विचार करने लगे, तभी एक रात्रि सोते समय राजा को स्वप्न हुआ कि जो भी करना है इसी स्थल पर पूजा अर्चना करें, इस प्रतिमा को अन्यत्र ना ले जाएं ।
सन 1924-25 विक्रम संवत 2016 संस्थापक स्वर्गीय रामानुज प्रताप सिंह देव( तत्कालीन रूलर कोरिया स्टेट बैकुंठपुर )ने दक्षिणामुखी संकट मोचन हनुमान मंदिर का निर्माण कराया, उस समय संस्थापक महंत स्वर्गीय नीलकंठ शुक्ल जी महाराज थे ,तब से मेले का शुभारंभ किया गया, और आज तक प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है
सिरौली के दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर पर जिले भर के निवासी बड़ी संख्या में पूजा पाठ करने व मन्नत मांगने पहुंचते हैं, मेला के अवसर पर स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा भंडारा का भी आयोजन किया जाता है।
मेला प्रांगण में व्यवस्थित ढंग से दुकान झूला,अन्य वस्तु, पूजा पाठ की सामग्री, खिलौने व खानपान की दुकान बड़ी संख्या में लगाई जाती है। मात्र लगभग 50-60 मीटर की दूरी पर हंसदो नदी स्थित है तथा यहां से 1 किलोमीटर की दूरी पर उदलकछार जलप्रपात है यह मनोरम जलप्रपात देखने योग्य है यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है ।


