मनेन्द्रगढ़-चिरिमिरी-भरतपुर
क्षेत्र की जनता ने पूर्व विधायक गुलाब कमरो का जताया आभार
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, 2 अगस्त। भरतपुर तहसील क्षेत्र के ग्रामीणों के लिए 30 जुलाई की तारीख ऐतिहासिक बन गई, जब बहरासी में 132 केवी सब स्टेशन से बिजली आपूर्ति विधिवत रूप से शुरू कर दी गई। यह उपलब्धि न केवल बहरासी के लिए, बल्कि पूरे चांग-भखार क्षेत्र के 183 गांवों के लिए बड़ी राहत बनकर आई है।
इस उपलब्धि को लेकर क्षेत्र में हर्ष और उत्साह का माहौल है। वर्षों से अनियमित विद्युत आपूर्ति और बिजली की आंख मिचौली और कम वोल्टेज जैसी समस्याओं से जूझते ग्रामीणों को अब स्थायी समाधान की उम्मीद जागी है।
इस सफलता के पीछे पूर्व विधायक एवं ट्रेड यूनियन काउंसिल के प्रदेश अध्यक्ष गुलाब कमरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिनके लगातार प्रयासों से यह कार्य पूर्ण हो सका।
स्थानीय जनता ने जताया आभार
भरतपुर, बहरासी एवं आसपास के ग्रामीणों, किसानों, जनप्रतिनिधियों और छात्र-छात्राओं ने गुलाब कमरों के कार्यों की प्रशंसा की और आभार जताया। उन्होंने इसे क्षेत्र के विकास की दिशा में एक ‘मील का पत्थर’ बताया।
गुलाब कमरों ने साझा की संघर्ष की कहानी
पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने ‘छत्तीसगढ़’ को बताया, जब मैंने वर्ष 2013 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ा, तब यह क्षेत्र मध्यप्रदेश से बिजली पर निर्भर था। मेरा सपना था कि भरतपुर क्षेत्र चांग-भखार के 185 गांवों को सुचारू रूप से बिजली उपलब्ध कराना। वर्ष 2018 में विधायक बनने के बाद मैंने सबसे पहले छत्तीसगढ़ से विद्युत लाइन जुड़वाने की पहल की। जिसका परिणाम यह हुआ कि वोल्टेज की समस्या हल हुई और क्षेत्र की जनता आज कूलर एसी और अन्य विद्युत उपकरण प्रयोग कर पा रहे हंै।
उन्होंने आगे बताया, बरसात के मौसम में लंबी लाइन की वजह से बार-बार बिजली बाधित होती थी। तब मैंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से इस पर चर्चा की।
क्षेत्र की जनता की परेशानियों को देखते हुए उन्होंने मेरी बात को गंभीरता से लिया और 22 करोड़ की लागत से बनने वाले 132 केवी सब स्टेशन की स्वीकृति दी। जिसका भूमि पूजन तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कांग्रेस के कार्यकाल में किया और आज वह बनकर तैयार हो चुका है।
183 गांव होंगे लाभान्वित
पूर्व विधायक गुलाब कमरों ने कहा कि इस सब स्टेशन के शुरू होने से चांग-भखार क्षेत्र के 183 गांवों में न सिर्फ घरेलू उपयोग के लिए बिजली सहजता से उपलब्ध होगी, बल्कि किसानों को भी सिंचाई में आसानी होगी। खेत-खलिहान, स्कूल, अस्पताल और अन्य संस्थानों की कार्यक्षमता में सुधार होगा।


